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38000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर चीन का अवैध कब्जा, सरकार ने कहा- पैंगोंग झील पर बना रहा पुल

1962 से ही चीन पैंगोंग झील पर अवैध तरीके से पुल निर्माण कर रहा है. पुल उस जगह पर बनाई जा रही है जहां पर चीन ने 1962 में अवैध रूप से कब्जा जमा लिया था. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने ने बीते दिन शुक्रवार को लोकसभा में इसकी जानकारी दी.

1962 से ही चीन पैंगोंग झील पर अवैध तरीके से पुल निर्माण कर रहा है. पुल उस जगह पर बनाई जा रही है जहां पर चीन ने 1962 में अवैध रूप से कब्जा जमा लिया था. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने ने बीते दिन शुक्रवार को लोकसभा में इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने हमेशा से इसका विरोध किया है.

विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने सदन में यह भी कहा कि भारत सरकार ने स्पष्ट रुप से यह कह दिया है कि, जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश हैं. उन्होंने फिर से दोहराया की ये दोनों भारत के अभिन्न अंग है, जिसे देश से अलग नहीं किया जा सकता है. विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने पड़ोसी देशों से उम्मीद जताई कि वो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरी तरह सम्मान करेंगे.

विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने स्पष्ट किया कि, सरकार को खबर मिली है कि, अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का चीन ने नाम बदला है. भारत इर तरह की हरकतों पर अपना नजर बनाए हुए है. मुरलीधरन ने कहा कि यह चीन की बेकार कोशिश है. उन्होंने कहा कि तथ्य नहीं बदलेगा. अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है. आगे भी वो भारत की ही हिस्सा रहेगा.

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच हमेशा से सीमा विवाद रहा है. 1962 के बाद भारत-चीन सीमा विवाद और गहरा गया है. विवाद को लेकर दोनों देशों की सेनाएं अभी भी सीमा पर तैनात हैं. विवाद को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि, अभी तक इसका कोई सार्थक हल नहीं निकला है.

छह दशकों से भी ज्यादा समय से चीन लद्दाख में करीब 38,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा किया हुआ है. चीन इसपर अपना दावा करता आया है, जबकि भारत की ओर से दावे को कभी मान्यता नहीं दी गई है.

Posted by: Pritish Sahay

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