Ladakh Standoff : पैंगोंग त्से झील से 21 किमी दूर चीन बना रहा है हेलीपैड, सेटेलाइट तस्वीर से खुलासा

india china, china news, pangogn tso lake, chian make helipad : सीमा पर तनाव के बीच चीन की बेशर्मी जारी है. चीन ने लद्दाख सीमा से सटे पैंगोंग त्से झील के पास हेलीपैड निर्माण शुरू कर दिया है. यह खुलासा ताजा सेटेलाइट तस्वीर आने के बाद हुआ है. तस्वीर आने के बाद भारतीय सुरक्षाबल सतर्क हो गई है. चीन ने यह निर्माण कार्य जिनियांग प्रांत में किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2020 1:46 PM

India china border dispute :सीमा पर तनाव के बीच चीन की बेशर्मी जारी है. चीन ने लद्दाख सीमा से सटे पैंगोंग त्से झील के पास हेलीपैड निर्माण शुरू कर दिया है. यह खुलासा ताजा सेटेलाइट तस्वीर आने के बाद हुआ है. तस्वीर आने के बाद भारतीय सुरक्षाबल सतर्क हो गई है. चीन ने यह निर्माण कार्य जिनियांग प्रांत में किया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा से 21.3 किमी दूरी पर बनाई जा रही है. सेटेलाइट तस्वीर के अनुसार चीन यह हेलीपैड उत्तरी पैंगोंग त्से इलाके में बना रही है. यब हेलीपैड गलवान घाटी से 176 किमी दूरी पर है.

कमांडर स्तर की बातचीत शुरू– पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए चुशूल में भारत और चीन की सेनाओं के बीच कॉर्प्स कमांडर-स्तर की बैठक शुरू हो चुकी है. भारतीय सेनाशुरू के सूत्र ने यह जानकारी दी. बातचीच में भारत की ओर से ले. जनरल हरिंदर सिंह और चीन के लिलि यू शामिल है.

चीन का दावा गलत– बता दें कि इससे पहले चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्त्री ने समाचार एजेंसी को कहा कि चीन का गलवान घाटी पर दावा गलत है. उसे इस तरह के दावे करने से कोई फायदा नहीं मिलने वाला है. मिस्री ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव न हो इसका एक मात्र उपाय ये है कि चीन एलएएसी पर नए निर्माण करना तुरंत बंद करे.

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गौरतलब है कि भारत चीन सीमा पर तनाव के बीच वायु और थल सेना ने लद्दाख सीमा पर संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है. दोनों सेना का यह युद्धाभ्यास चीन से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी के रूप में किया जा रहै है. इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के अत्याधुनिक तकनीक विमान सुखोई शामिल है. इस युद्धाभ्यास के जरिए सेना को एक जगह से दूसरे जगह पर तेजी से ले जाने की प्रेक्टिस भी की जा रही है. सेना के ट्रांसपोर्ट और हवाई विमान इसमें शामिल है.

Posted By : Avinish Kumar Mishra

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