पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है जिससे भारत में हडकंप मच गया है. दरअसल चीन अपनी एक कंपनी के जरिए भारत के करीब 10 हजार से ज्यादा हस्तियों और संगठनों की जासूसी करने में जुटा हुआ है. यही नहीं, वह दुनियाभर अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनियाभर के 24 लाख लोगों की जासूसी करने का प्रयास कर रहा था. इस बात का खुलासा अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने किया. चीन की जासूसी लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी सीजेआई बोबडे जैसे बड़े लोगों का नाम शामिल है.
कांग्रेस ने चीन द्वारा भारत में प्रमुख पदों पर बैठे लोगों की कथित तौर पर जासूसी कराने से जुड़ी खबर को लेकर कहा कि साइबर क्षेत्र में चीन से निपटने के लिए सरकार को अपने प्रयास तेज करने चाहिए. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल किया कि क्या सरकार को इस गंभीर मामले के बारे में पता था? उन्होंने समाचार पत्र ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, अगर यह सही है तो क्या मोदी सरकार को इस गंभीर मामले का पहले पता था? या भारत सरकार को पता ही नहीं चला की हमारी मुखबरी हो रही है ?
सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि भारत सरकार देश के सामरिक हितों की सुरक्षा करने में बार-बार ‘विफल’ क्यों हो रही है? उन्होंने कहा कि चीन को अपनी हरकतों से बाज़ आने का स्पष्ट संदेश देना चाहिए. लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने संसद परिसर के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सरकार साइबर सुरक्षा को लेकर प्रयास तेज करे. हम एक ओर सीमा पर चीन जैसे देश से मुकाबला कर रहे हैं तो वहीं हम साइबर क्षेत्र में चीन से भी मुकाबला कर रहे हैं. सरकार को सोना नहीं चाहिए.
उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमें साइबर क्षेत्र में नजर रखनी पड़ेगी. भारत सरकार स्पष्ट करे कि चीनी कंपनियों ने कोई संवेदनशील डेटा नहीं लिया है. अंग्रेजी समाचार पत्र की खबर में दावा किया गया है कि चीन भारत में बड़े संवैधानिक पदों पर बैठे राजनेताओं और सामरिक पदों पर बैठे अधिकारियों की जासूसी कर रहा है. इसमें कहा गया है कि चीन की एक कंपनी शेनझेन इंफोटेक और झेन्हुआ इंफोटेक ये जासूसी कर रही हैं.
Posted By : Amitabh Kumar