india-china standoff : भारत-चीन विवाद के बीच एक बड़ी खबर आ रही है. सेना के सूत्रों के हवाले से खबर है कि अरुणाचल से लापता 5 युवकों को शनिवार को भारत को सौंपेगा चीन. इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया था कि अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए पांच युवकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) शनिवार को भारतीय अधिकारियों को सौंप सकती है.
चीन के तेवर तब नरम पड़े जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष सैन्य अधकारियों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच हुए पांच सूत्री समझौते पर चर्चा की. बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल कर्मबीर सिंह तथा अन्य अधिकारी शामिल थे.
पीएलए ने मंगलवार को कहा था कि चार सितंबर को अपर सुबनसिरी जिले में भारत-चीन सीमा से लापता हुए पांच युवक उन्हें सीमापार मिले थे. रिजिजू ने शुक्रवार को ट्वीट किया, चीन की पीएलए ने भारतीय सेना से इस बात की पुष्टि की है कि वह अरुणाचल प्रदेश के युवकों को हमें सौंप देंगे. उन्हें कल 12 सितंबर को किसी भी समय एक निर्दिष्ट स्थान पर सौंपा जा सकता है.
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रिजिजू ने ही पहली बार इसकी सूचना दी थी कि पीएलए ने इस बात की पुष्टि की थी कि युवक सीमा पार चीन में पाए गए हैं. यह घटना तब सामने आयी थी जब एक समूह के दो सदस्य जंगल में शिकार के लिए गए थे और लौटने पर उन्होंने उक्त पांच युवकों के परिवार वालों को जानकारी दी थी कि युवकों को सेना के गश्ती क्षेत्र सेरा-7 से चीनी सैनिक ले गए हैं.
यह स्थान नाचो से 12 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. मैकमोहन रेखा पर स्थित नाचो अंतिम प्रशासनिक क्षेत्र है और यह दापोरीजो जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर है. चीनी सेना द्वारा कथित तौर पर अगवा किए गए युवकों की पहचान तोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगतु एबिया, तनु बाकर और नगरु दिरी के रूप में की गई है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra