LAC पर चीन के इस हरकत से बढ़ेगी भारत की चिंता! जानिए क्या है पूरा मामला ?

Railway Track Near LAC : जानकारी के अनुसार चीन ने एक नई रेल लाइन बनाने की योजना बनाई है जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास और विवादित अक्साई चिन क्षेत्र के माध्यम से संचालित होगी. ऐसे में यह भारत के लिए यह चिंता का विषय है.

By Aditya kumar | February 18, 2023 9:13 PM

Railway Track Near LAC: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चीन ने एक नई रेल लाइन बनाने की योजना बनाई है जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास और विवादित अक्साई चिन क्षेत्र के माध्यम से संचालित होगी. ऐसे में यह भारत के लिए यह चिंता का विषय है. तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) सरकार द्वारा प्रकट की गई एक नई रेलवे योजना के अनुसार, रेल लाइन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास और विवादित अक्साई चिन क्षेत्र के माध्यम से संचालित होगी.

भारत और तिब्बत दोनों के लिए चिंता का विषय

एलएसी के पास चीनी गतिविधि भारत और तिब्बत दोनों के लिए चिंता का विषय है. 12 जनवरी को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों की संख्या में ‘मामूली वृद्धि’ हुई है. अक्साई चिन (लगभग 38,000 वर्ग किमी क्षेत्र) पर 1950 के दशक के दौरान अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था और 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान इस क्षेत्र पर अपनी सैन्य पकड़ मजबूत कर ली थी. यह क्षेत्र दोनों देशों के बीच विवाद का मुद्दा बना रहा.

तिब्बत की ‘मध्यम से लंबी अवधि की रेलवे योजना’ मदद करेगी

रेलवे तकनीक ने बताया कि तिब्बत की ‘मध्यम से लंबी अवधि की रेलवे योजना’ 2025 तक टीएआर रेल नेटवर्क को मौजूदा 1,400 किमी से बढ़ाकर 4,000 किमी करने में मदद करेगी. हालाँकि तिब्बत खुद को चीन से स्वतंत्र होने का दावा करता है. हाल ही में, 13 फरवरी को, 13वें दलाई लामा ने घोषणा की कि उनका देश 100 से अधिक वर्षों से स्वतंत्र है. इस घटना ने चीन के किंग (मांचू) राजवंश के वर्चस्व की अवधि को समाप्त कर दिया. हालांकि, तिब्बत के लिए स्व-शासन और स्वतंत्रता की अवधि बहुत जल्द समाप्त हो गई क्योंकि 1949 में चीन ने तिब्बत पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था.

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तिब्बत ने संयुक्त राष्ट्र से एक स्वतंत्र तथ्यान्वेषी मिशन की मांग की

13 फरवरी को तिब्बत की स्वतंत्रता की घोषणा की 110वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में, तिब्बत ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से एक स्वतंत्र तथ्यान्वेषी मिशन की मांग की. अनुरोध तिब्बत के लोगों और संस्कृति के साथ दुर्व्यवहार के लिए चीन को जवाबदेह ठहराने का था, तिब्बत राइट्स कलेक्टिव (TRC) ने रिपोर्ट किया. संयुक्त राष्ट्र के तथ्य-खोज और खोजी मिशनों को तिब्बत में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की हानिकारक “पर्यावरण नीतियों” पर विचार करना चाहिए, और तिब्बत के पंचेन लामा के ठिकाने के बारे में CCP से सवाल करना चाहिए, जिसका 1995 में अपहरण कर लिया गया था.

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