भारत में बनी कोरोना वैक्सीन की पूरी दुनिया में मांग बढ़ रही है वहीं चीन ने मान लिया है कि उसकी वैक्सीन कमजोर है. इसका असर कोरोना संक्रमण पर कम हो रहा है. चीन की सरकार इसे और बेहतर करने पर जोर दे रही है. चीन के रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक गाओ फू ने एक बयान में माना कि चीन की वैक्सीन में कोरोना संक्रमण से लड़ने की क्षमता, आपको सुरक्षित रखने की क्षमता कम है.
वैक्सीन की क्षमता का ठीक से पता चल सके इसके लिए वैक्सीन को विदेशों में भी भेजा गया. लोगों के अनुभव और वैक्सीनेशन के बाद की स्थिति को समझने में मदद मिली. अब हमें कोई और वैक्सीन किसी और तकनीक पर काम करना होगा .
चीन की भविष्य में क्या योजना है इस पर तो गाओ फू ने कुछ नहीं कहा लेकिन एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि चीन दूसरे वैक्सीन पर काम कर रहा है जो किसी और तकनीक को ध्यान में रखकर की जा रही है. इस नयी प्रक्रिया की तहत तैयार की जा रही वैक्सीन ट्रायल के स्टेज पर पहुंच गयी है. हमारे पास वक्त नहीं है कि हम इसे लेकर और समय लगा दें.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस नये तरीके से ज्यादा बेहतर रिजल्ट की उम्मीद की जा सकती है. ब्रिटेन में भी विशेषज्ञ फाइजर और ऑस्ट्राजेनिक पर शोध कर रहे हैं कि इन दोनों को मिलाकर कोई नयी वैक्सीन तैयार की जा सके. चीन की वैक्सीन का निर्यात 22 देशों में किया गया जिनमें मेक्सिको, टर्की, इंडोनेशिया, ब्राजील सहित कई देश शामिल हैं.
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चीन ने अबतक अपने देश में किसी भी दूसरे देश की वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी है. . हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि हम जल्दबाजी ना करें, अब कई तरह की वैक्सीन उपलब्ध है. चीन की नयी तकनीक द्वारा तैयार की गयी वैक्सीन पर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, हमने अबतक जो ट्रायल किये हैं उससे कोई निगेटिव रिजल्ट सामने नहीं आये हैं.