चीन ने उत्तराखंड के बाराहोती इलाके में एलएसी के निकट अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. जानकारी के अनुसार चीन ने अपने क्षेत्र में करीब छह माह के बाद सक्रियता दिखाई है.
सरकार के सूत्रों के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के करीब 40 जवान बाराहोती इलाके में पेट्रोलिंग करते नजर आये हैं. एलएसी के निकट चीनी सेना की गतिविधि काफी समय बाद दिखाई दी है. इंडिया टुडे के अनुसार करीबन छह माह बाद वे इस इलाके में नजर आये हैं.
सूत्रों ने कहा है कि चीनी सेना की इस गतिविधि से इस बात की आशंकाएं बढ़ गयी हैं कि वे इस क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा सकते हैं. यही वजह है कि भारतीय सेना भी अलर्ट हो गयी है.
जानकारी के अनुसार चीन ने बाराहोती क्षेत्र के हवाई अड्डे पर भी अपनी सक्रियता बढ़ाई है. हवाई अड्डे में ड्रोन और हेलीकाॅप्टर काम कर रहे हैं. इस जानकारी के सामने आने के बाद भारतीय सेना ने भी अपने सैनिकों की तैनाती बाराहोती क्षेत्र में की है, ताकि लद्दाख जैसी स्थिति उत्पन्न ना हो. सेंट्रल सेक्टर में भी सेना की तैनाती की है. गौरतलब है कि पिछले साल लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच संघर्ष हुआ था. उत्तराखंड के इस इलाके में चीन अपना दावा पेश करता आया है.
एलएसी की स्थिति की समीक्षा के लिए कुछ दिनों पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेंट्रल आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ने सेंट्रल सेक्टर की समीक्षा की थी. सैन्य अधिकारियों ने जानकारी दी है कि संवेदनशील क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान में दोनों देशों के 50 हजार से अधिक सैनिक तैनात हैं.
लद्दाख के गलवान घाटी में हुए भारत-चीन की सेना के बीच झड़क के बाद दोनों देश बातचीत के जरिये एलएसी का मुद्दा सुलझाने में जुटे हैं, लेकिन अबतक कोई सार्थक समाधान नजर नहीं आता है. इसी बीच चीन की ओर से लगातार एलएसी के निकट अपनी सक्रियता बढ़ाई जा रही है, जिसपर भारत सरकार की कड़ी नजर है.
Posted By : Rajneesh Anand