Chinese Fighter Plane: चीनी लड़ाकू विमान ने जून के अंतिम सप्ताह में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सैन्य ठिकानों के बहुत करीब से उड़ान भरी. जिसके बाद भारतीय वायुसेना भी तुरंत एक्शन में आया और जवाब की तैयारी कर ली. रिपोर्ट्स की मानें तो चेतावनी के बाद चीनी विमान वापस लौट गया. भारत ने इस घटना को लेकर चीन के सामने कड़ा विरोध जताया है.
सूत्रों ने बताया कि घटना को “बहुत गंभीर या खतरनाक” नहीं माना जा रहा है, 28 जून की तड़के अग्रिम क्षेत्रों में तैनात भारतीय राडार ने चीनी लड़ाकू विमान को पकड़ लिया. एक सूत्र ने कहा, “हवाई रक्षा उपायों को सक्रिय किया गया, जिसमें एक एयरबेस से हमारे लड़ाकू विमानों को खदेड़ना शामिल था, लेकिन चीनी विमान वापस चला गया.”
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और वायु सेना पूर्वी लद्दाख की ओर एलएसी पर अपनी तरफ अभ्यास कर रही है. अप्रैल-मई 2020 में इस तरह के अभ्यास के दौरान पीएलए सैनिकों ने भारतीय बलों को ऑफ-गार्ड पकड़ने के लिए पूर्वी लद्दाख में कई घुसपैठ की थी. तब से, दोनों सेनाओं ने क्षेत्र में सीमा पर 50,000 से अधिक सैनिकों को “आगे तैनात” रखा है.
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सूत्र ने कहा, भारतीय और चीनी दोनों वायु सेनाएं एलएसी के पास विमान और ड्रोन उड़ाती हैं, ताकि प्रतिद्वंद्वी के वायु रक्षा उपायों और उनके लिए आवश्यक प्रतिक्रिया समय की जांच की जा सके. साथ ही निगरानी मिशन पर भी, लेकिन एक लड़ाकू इतना करीब उड़ना दुर्लभ है. भारत और चीन अब कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के 16वें दौर की तारीख को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं, क्योंकि 11 मार्च को अंतिम दौर में कोई सफलता हासिल नहीं हो पाई थी. चीन ने अब तक बड़े हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा-कोंगका ला क्षेत्र में पैट्रोलिंग पॉइंट-15 (पीपी-15) पर रुकी हुई टुकड़ी को पूरा करने से भी इनकार कर दिया है.