बीजिंग : गलवान घाटी तनाव के इतने सालों बाद भी भारत और चीन के बीच जारी जनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) से सटे तिब्बत (Tibet) का दौरा किया है. राष्ट्रपति जिनपिंग का पहला तिब्बत दौरा है. चीन के आधिकारिक मीडिया सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के मुताबिक, जिनपिंग बुधवार को ‘न्यिंगची मेनलिंग एयरपोर्ट’ पहुंचे.
जिनपिंग का यहां स्थानीय लोगों तथा विभिन्न जातीय समूहों के अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. इसके बाद जिनपिंग ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में पारिस्थितिक संरक्षण का निरीक्षण करने के लिए ‘न्यांग रिवर ब्रिज’ चले गये. जिसे तिब्बती भाषा में ‘यारलुंग ज़ंगबो’ कहा जाता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक चीन ने इस साल 14वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विशाल बांध बनाने की योजना को मंजूरी दी है. इसको लेकर भारत और बांग्लादेश ने आपत्ति भी जतायी है. न्यिंगची, तिब्बत में एक प्रांत स्तर का शहर है जो अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है.
चीन, अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है, जिस दावे को भारत ने हमेशा मजबूती से खारिज किया है. भारत-चीन के बीच 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अब भी सीमा विवाद बरकरार है. जिनपिंग ऐसे समय में तिब्बत का दौरा करने पहुंचे जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले कई महीनों से तनाव है.
बता दें कि कई चीनी नेता समय-समय पर तिब्बत आते रहते हैं लेकिन एक राष्ट्रपति का यह तिब्बत दौरा पहली बार हुआ है. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में जिनपिंग को न्यिंगची के लोगों से मिलते देखा जा सकता है. हांगकांग के ‘साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट’ समाचार पत्र से जिनपिंग ने कहा कि भविष्य में, तिब्बत के सभी जातीय समूह के लोग एक सुखी जीवन जीयेंगे, मैं उतना ही आश्वस्त हूं, जितना की आप.
Posted By: Amlesh nandan.