चीन ने नयी नीति पेश की है. इस योजना के तहत पहाड़ों और पहाड़ी इलाकों में लंबे समय के लिए सैनिकों को तैनात करने के लिए तिब्बत के हर परिवार के कम से कम एक मेंबर को आर्मी में भर्ती कराना होगा. चीन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि, उसने देखा कि इंडियन आर्मी की स्पेशल फ्रंटियर के सैनिक उसके सैनिक से कई गुणा ज्यादा बेहतर है. जानकारी के मुताबिक अब लद्दाख में चीन से लगती हुई लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) और अरुणाचल प्रदेश बॉर्डर पर इंडियन आर्मी के सामने चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की तरफ से तिब्बती सेना को खड़े देखा जा रहा है. रिपोर्ट्स की अगर माने तो चीन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि, ऊंचे बॉर्डर पर भारतीय सेना के साथ मुकाबला करने में चीनी सैनिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
भारत और चीन के बीच साल 2020 में हुए संघर्ष में चीन ने भारतीय सेना की आक्रमकता और पहाड़ी इलाकों में लड़ने की क्षमता को देखा था. इसके बाद से ही चीन ने अपने कब्जे में लिए गए क्षेत्र पर तिब्बती नागरिकों को तैनात करना शुरू कर दिया था. सूत्रों की अगर माने तो पहाड़ों और पहाड़ी इलाकों में लंबे समय के लिए सैनिकों की तैनाती के लिए चीन ने अब तिब्बत के हर परिवार से कम से कम एक मेंबर को चीनी सेना में भर्ती कराने की योजना नयी है और इसके लिए इस नयी नीति को पेश किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चीन ने अपने सीनियर आर्मी अफसरों को तिब्बती सैनिकों की भर्ती के काम में लगाया हुआ है. अब तिब्बत के हर परिवार से कम से कम एक सदस्य को आर्मी में भर्ती कराया जा रहा है. चीन ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकी, उसे लगता है कि ऐसा करने से वह तिब्बती परिवारों को अपने प्रति ज्यादा वफादार बनाने में सफल हो पाएगा.