चीन के वुहान लैब से निकला कोरोना वायरस दुनियाभार में तेजी से फैलने लगा है. यह कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) है. हाल में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन BF.7 ने लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है. चीन के साथ-साथ अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और अर्जेंटीना में भारी तादाद में लोग संक्रमित मिले है. वहीं, भारत के कुछ राज्यों में भी नए वेरियएंट देखने को मिले हैं. हालांकि, भारत में अभी स्थिति सामान्य है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की मानें, तो कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन बीएफ.7 तेजी से फैलने वाला वायरस है. नए वेरिएंट कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में आर346टी म्यूटेशन बॉडी का निर्माण करता है, जिससे बीएफ.7 पर एंटीबॉटी का ज्यादा असर नहीं देखने को मिल रहा है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, कोरोना के नए वेरिएंट से बचने का एकमात्र उपाए टीकाकरण है. हालांकि, आगे चलकर कोई और नया वेरिएंट आता है, तो वह कितना कारगर होगा, यह बता पाना अभी मुश्किल है.
कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि 90 दिनों के अंदर चीन की 60 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमित हो चुकी होगी. इसके पिछे का कारण चीन के लोगों में कमरोज इम्यूनिटी बताई जा रही है. रिपोर्ट की मानें, अगर चीन में आज जीरो कोविड पॉलिसी को खत्म किया जाता है तो करीब 21 लाख लोगों की मौत हो सकत है. वहीं, दुनियाभर के कई देशों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा.
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चीन समेत कई देशों में ओमीक्रोन के बेहद संक्रामक स्वरूपों के कारण मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है. इसपर विशेषज्ञ विषाणु विज्ञानी गगनदीप कांग ने कहा है कि भारत में ओमीक्रोन के उपस्वरूपों ‘एक्सबीबी’ और ‘बीएफ.7’ के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन इनमें तेज वृद्धि नहीं देखी गई है, लिहाजा उन्हें कोविड मामलों में बढ़ोतरी की आशंका नहीं है. उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन संक्रमित लोगों की संख्या के हिसाब से तो गंभीर कहा जा सकता है, लेकिन यह उतना गंभीर संक्रमण नहीं फैलाता, जितना डेल्टा स्वरूप फैलाता है.
(भाषा- इनपुट के साथ)