Chinook Helicopter: चिनूक हेलीकॉप्टर की क्या है खासियत, पंजाब के संगरूर में करनी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग
Chinook helicopter भारतीय वायुसेना के एक चिनूक हेलीकॉप्टर को रविवार को पंजाब के संगरूर जिले में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टर दोपहर करीब एक बजे संगरूर के लोंगोवाल के ढाड्रियान गांव में एक खुले मैदान में उतरा. तकनीकी खराबी के कारण चिनूक हेलीकॉप्टर की हुई इमरजैंसी लैंडिंग बताया […]
Chinook helicopter भारतीय वायुसेना के एक चिनूक हेलीकॉप्टर को रविवार को पंजाब के संगरूर जिले में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टर दोपहर करीब एक बजे संगरूर के लोंगोवाल के ढाड्रियान गांव में एक खुले मैदान में उतरा.
तकनीकी खराबी के कारण चिनूक हेलीकॉप्टर की हुई इमरजैंसी लैंडिंग
बताया जा रहा है कि तकनीकी खराबी के बाद सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर को ऐहतियाती तौर पर उतारा गया. पुलिस ने यह जानकारी दी. IAF अधिकारी ने बताया, चालक दल और हेलिकॉप्टर सुरक्षित हैं.
चिनूक हेलीकॉप्टर का दूसरा नाम देवदूत
सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर का दूसरा नाम देवदूत भी है. इसका नाम देवदूत इसलिए रखा गया है, क्योंकि आपातकाल में इसका इस्तेमाल किया होता है. चिनूक हेलीकॉप्टर का मुख्य काम हैवी ट्रांसपोर्ट और हैवी लिफ्टिंग है. यानी चिनूक हेलीकॉप्टर से भारी सामान को एक जगह से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है.
इसकी अन्य विशेषता
चिनूक हेलीकॉप्टर करीब 10 टन वजन उठाने में सक्षम.
चिनूक हेलीकॉप्टर अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित है.
चिनूक हेलीकॉप्टर अधिक ऊंचाई पर भी उड़ान भर सकता है.
तोप और बख्तरबंद गाड़ियां के अलावा भारी मशीनरी लाने और ले जाने में सक्षम. इसके साथ ही इससे भारी सामान को काफी ऊंचाई पर भी आसानी से कहीं भी पहुंचाया जा सकता है. इसका लाभ लद्दाख जैसे क्षेत्रों में अधिक होता है.
घने कोहरे और धुंध में भी आसानी से उड़ान भर सकता है चिनूक हेलीकॉप्टर
भारतीय सेना में शामिल चिनूक हेलीकॉप्टर की सबसे बड़ी खासियत है कि यह घने कोहरे और धुंध में भी आसानी से उड़ान भर सकता है. यह अपने साथ 9 टन के सामान के साथ करीब 45 सैनिकों को लेकर उड़ान भर सकता है.