Chintan Shivir in Haryana: PM मोदी ने चिंतन शिविर में दिया ‘पंच मंत्र’, पढ़ें उनके संबोधन की जरूरी बातें

मोदी ने कहा कि सूरजकुंड में गृह मंत्रियों का यह चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. राज्य एक-दूसरे से सीख सकते हैं, एक-दूसरे से प्रेरणा ले सकते हैं और देश की बेहतरी के लिए मिलकर काम कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह संविधान की भावना है और हमारे नागरिकों के प्रति हमारा कर्तव्य.

By Aditya kumar | October 28, 2022 11:47 AM

Chintan Shivir in Haryana: हरियाणा के सूरजकुंड में राज्यों के गृह मंत्रियों की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ चिंतन शिविर की बैठक जारी है. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए. यहां उन्होंने सभी गृह मंत्रियों को संबोधित भी किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विभिन्न चुनौतियों के बीच त्योहारों के दौरान देश की एकता को मजबूत करना आपकी तैयारियों का प्रतिबिंब है. कानून और व्यवस्था राज्यों की जिम्मेदारी है लेकिन ये राष्ट्र की एकता और अखंडता से भी जुड़े हुए हैं.

यह चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण

आगे उन्होंने कहा कि सूरजकुंड में गृह मंत्रियों का यह चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. राज्य एक-दूसरे से सीख सकते हैं, एक-दूसरे से प्रेरणा ले सकते हैं और देश की बेहतरी के लिए मिलकर काम कर सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह संविधान की भावना है और हमारे नागरिकों के प्रति हमारा कर्तव्य है. अगले 25 साल ‘अमृत पीठ’ के निर्माण के लिए होंगे.

अमृत पीठ ‘पंच प्राण’ के संकल्पों को आत्मसात कर बनाई जाएगी

साथ ही उन्होंने कहा कि यह ‘अमृत पीठ’ ‘पंच प्राण’ के संकल्पों को आत्मसात करके बनाई जाएगी – एक विकसित भारत का निर्माण, सभी औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति, विरासत में गर्व, एकता और सबसे महत्वपूर्ण, नागरिक कर्तव्य. उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था अब एक राज्य तक सीमित नहीं है. अपराध अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय हो रहा है. प्रौद्योगिकी के साथ, अपराधियों के पास अब राज्यों में अपराध करने की शक्ति है. सीमा से परे अपराधी तकनीक का दुरुपयोग कर रहे हैं. सभी राज्यों की एजेंसियों के बीच समन्वय और केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय जरूरी है.

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‘कोरोना के दौरान पुलिस की प्रतिष्ठा में सुधार हुआ’

कोरोनाकाल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उस दौरान पुलिस की प्रतिष्ठा में सुधार हुआ. वे जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे, जरूरी चीजों का इंतजाम कर रहे थे, अपनी जान जोखिम में डाल रहे थे. उनमें कर्तव्यपरायणता की कमी नहीं थी. जरूरत एक अच्छी धारणा बनाए रखने की है. इसके लिए पुलिस बल को प्रेरित करना, उसकी योजना बनाना और उनका मार्गदर्शन करते रहना चाहिए. साइबर अपराध हो या हथियारों या ड्रग्स की तस्करी के लिए ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल, हमें उनके लिए नई तकनीक पर काम करते रहना होगा.

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