लद्दाख के नागरिकों को फिर मिलेगा स्थायी निवासी प्रमाणपत्र, केवल स्थायी निवासियों को मिलेगी सरकारी नौकरी
Ladakh Administration, Permanent resident certificate, Government Job : लेह : जम्मू-कश्मीर के विभाजन के दो साल बाद लद्दाख प्रशासन ने नागरिकता प्रमाणपत्र जारी करने की घोषणा की है. लद्दाख में फिलहाल प्रदेश के स्थायी निवासियों को ही सरकारी नौकरियां मिलेगी.
लेह : जम्मू-कश्मीर के विभाजन के दो साल बाद लद्दाख प्रशासन ने नागरिकता प्रमाणपत्र जारी करने की घोषणा की है. लद्दाख में फिलहाल प्रदेश के स्थायी निवासियों को ही सरकारी नौकरियां मिलेगी. वहीं, नागरिकता का आधार पुराने ”परमानेंट रेजिडेंट सर्टिफिकेट” के आधार पर किया जायेगा.
इस संबंध में लद्दाख प्रशासन ने अस्थायी रूप से परिभाषित करने के लिए एक आदेश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अराजपत्रित सरकार के लिए केंद्र शासित प्रदेश का निवासी कौन है? यह आदेश लद्दाख के कानून और न्याय विभाग के प्रशासकीय सचिव प्रीत पाल सिंह ने जारी किया है.
इसमें कहा गया है कि नये आदेश को लद्दाख निवासी प्रमाणपत्र आदेश-2021 कहा जायेगा. लद्दाख निवासी प्रमाणपत्र आदेश-2021 के मुताबिक, जिन लोगों के पास लेह और कारगिल जिलों में सक्षम पदाधिकारी द्वारा जारी किया गया स्थायी निवासी प्रमाणपत्र है या स्थायी निवासी प्रमाणपत्र जारी करने के पात्र हैं, वे ही प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे.
इसके अलावा स्थायी निवासी प्रमाणपत्र रखनेवाले लोगों के बच्चे या ऐसे लोगों के बच्चे जो लेह और कारगिल जिलों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्थायी निवासी प्रमाण पत्र जारी करने के पात्र हैं, वे भी निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पात्र होंगे. मालूम हो कि केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म करते हुए लेह को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया है.
स्थायी निवासी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी के रूप में तहसीलदार या प्रशासन द्वारा अधिसूचित अधिकारी को नामित किया गया है. नये आदेश के आने के बाद कोई भी व्यक्ति किसी पद पर नियुक्ति के लिए तब तक पात्र नहीं होगा, जब तक कि वह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का निवासी ना हो.
साथ ही कहा गया है कि किसी राज्य या किसी अन्य केंद्रशासित प्रदेश के किसी भी नाम से डोमिसाइल या रेजिडेंट सर्टिफिकेट या ऐसा अन्य सर्टिफिकेट रखनेवाला व्यक्ति लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश का निवासी होने के लिए पात्र नहीं होगा.
इसके अलावा आदेश में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी के आदेश से कोई व्यथित होता है, तो वह व्यक्ति संबंधित उपायुक्त के समक्ष अपील दायर कर सकता है, जो साठ दिनों की अवधि के भीतर पक्षकारों को सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए अपील का निर्णय करेगा.