CJI एनवी रमना ने कहा, निष्पक्षता की कमी और सियासी गठजोड़ की वजह से धूमिल हुई पुलिस की इमेज

CJI NV Ramana in New Delhi चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान पुलिस सिस्टम का जिक्र करते हुए इसमें कुछ सुधारों की जरूरत पर बल दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2022 6:58 PM

CJI NV Ramana in New Delhi चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान पुलिस सिस्टम का जिक्र करते हुए इसमें कुछ सुधारों की जरूरत पर बल दिया. सीजेआई रमना ने कहा कि पुलिस को लोगों के बीच विश्वास पैदा करना जरूरी है. इस दौरान सीजेआई रमना ने पुलिस और राजनीति के गठजोड़ का भी जिक्र किया.

राजनीतिक गठजोड़ की वजह से धूमिल हुई पुलिस की छवि

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि निराशा के समय लोग पुलिस के पास जाने से कतराते हैं. भ्रष्टाचार, पुलिस की ज्यादतियों, निष्पक्षता की कमी और राजनीतिक वर्ग के साथ घनिष्ठ संबंध के कारण इसकी छवि धूमिल होती है. उन्होंने कहा कि अक्सर पुलिस अधिकारियों ने शासन परिवर्तन के बाद परेशान किए जाने की शिकायत की है.


सीबीआई की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवाल

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के कार्यों और निष्क्रियता की वजह से उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सामाजिक वैधता और सार्वजनिक विश्वास को फिर से हासिल करना आज के वक्त की जरूरत है और इसके लिए पहला कदम पॉलिटिकल और एक्जिक्यूटिव के साथ गठजोड़ तोड़ना है. एनवी रमना ने बताया कि भारत में पुलिस व्यवस्था ब्रिटिश काल से कैसे विकसित हुई और वक्त बीतने के साथ, सीबीआई गहरी सार्वजनिक जांच के दायरे में आ गई.

ये मुद्दे पुलिस व्यवस्था को कर रहे प्रभावित

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना ने कहा कि पुलिस को राजनीतिक कार्यपालिका के साथ गठजोड़ तोड़कर सामाजिक वैधता और जनता के विश्वास को पुनः प्राप्त करना चाहिए और नैतिकता व अखंडता के साथ खड़ा होना चाहिए. यह सभी संस्थानों के लिए सही है. एनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैनपॉवर की कमी, निम्नतम स्तर पर अमानवीय स्थिति, आधुनिक उपकरणों की कमी, साक्ष्य प्राप्त करने के संदिग्ध तरीके, रूलबुक का पालन करने में फेल अधिकारी और अधिकारियों की जवाबदेही की कमी ये ऐसे मुद्दे हैं जो पुलिस व्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं.

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