22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आंध्र प्रदेश में कोरोना की आयुर्वेदिक दवा बनाने का दावा, हर दिन उमड़ रही है भीड़, ICMR करेगा दावे की जांच

उनके इस दावे का असर है कि ना सिर्फ गांव के लोग बल्कि पूरे जिले से कई जगहों के लोग यहां पहुंच रहे हैं. इस दवा के सफल होने का दावा ना सिर्फ इनके जिले तक बल्कि पूरे राज्य में फैल चुका है और अब इस दवा की डिमांड इतनी बढ़ रही है कि दूसरे राज्य से भी लोग यहां पहुंच रहे हैं, अब तो दूसरे जिलों से भी दवा के लिए लोगों की भीड़ लगने लगी है. इसकी चर्चा इतनी हुई है कि आईसीएमआर की एक टीम आज यहां पहुंचेगी और उन दवा की जांच करेगी जिससे कोरोना के मरीजों के ठीक होने का दावा किया जा रहा है.

आंध्र प्रदेश में नेल्लोर जिले के एक छोटे से गांव लंबी कतार लगी है. यहां खड़े लोग घंटों इस विश्वास के साथ इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें कोरोना की दवा मिलेगी और वो ठीक हो जायेंगे. कोरोना संक्रमण से लड़ने वाली आयुर्वेदिक दवा बनाने और उसे सही बताने वाले आनंदैया नाम के एक आयुर्वेद चिकित्सक हैं और अपनी इस दवा से कोरोना को ठीक करने का दावा कर रहे हैं.

उनके इस दावे का असर है कि ना सिर्फ गांव के लोग बल्कि पूरे जिले से कई जगहों के लोग यहां पहुंच रहे हैं. इस दवा के सफल होने का दावा ना सिर्फ इनके जिले तक बल्कि पूरे राज्य में फैल चुका है और अब इस दवा की डिमांड इतनी बढ़ रही है कि दूसरे राज्य से भी लोग यहां पहुंच रहे हैं, अब तो दूसरे जिलों से भी दवा के लिए लोगों की भीड़ लगने लगी है. इसकी चर्चा इतनी हुई है कि आईसीएमआर की एक टीम आज यहां पहुंचेगी और उन दवा की जांच करेगी जिससे कोरोना के मरीजों के ठीक होने का दावा किया जा रहा है.

यह पहली बार नहीं है जब कोरोना से लड़ने वाली किसी दवा को लेकर इस तरह का दावा किया गया हो. कोरोना से लड़ने के लिए सभी कोई ना कोई रास्ता बता रहे हैं. कभी कोई नेता सामने आकर गोमूत्र को कोरोना से लड़ने में कागर बताता है, साथ ही गौमूत्र कैसे लेना है कितनी मात्रा में लेना है, कब – कब लेना है यह भी बता देता है, कुछ जगहों पर कोरोना देवी की मंदिर बना दी गयी है जहां कोरोना से लड़ने के लिए प्रार्थना चल रही है.

Also Read: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के तैयार केजरीवाल सरकार, टास्क फोर्स के गठन का आदेश

कोरोना संक्रमण के इलाज का दावा कर रहे है, आनंदैया इस दवा के पैसे नहीं ले रहे हैं. अपनी आयुर्वेदिक दवा लोगों को बिल्कुल मुफ्त में दे रहे हैं. वैसे कोरोना संक्रमित जिनकी हालत गंभीर है, उन्हें आईड्रॉप भी दे रहे हैं. आईसीएमआर की टीम इस दवा के जांच के बाद ही बता पायेगी कि यह कितनी खरी है.

यहां लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. मरीज कोरोना से लड़ रहे हैं ऐसे में उन्हें अगर एक भी उम्मीद की रौशनी मिलती है तो वो उसे नहीं जाने देना चाहते. कई जगहों पर यह भी खबर है कि प्रशासन ने ऐतिहात के तौर पर इस दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. इस दवा को लेकर राज्य सरकार भी जांच कर रही है कि यह कितनी कारगर है.

राज्य सरकार ने कहा, दवा के वितरण कि लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बनाये गये नियमों का पालन नहीं हो रहा था. साथ ही आनंदैया आधिकारिक रूप से आयुर्वेद के डॉक्टर नहीं है यह संभव है कि उनकी दवा लंबे समय के बाद किडनी पर बुरा प्रभाव डाले.

Also Read: 15 सालों तक घर में रखी लाश, गंध दूर करने के लिए करता था एयर फ्रेशनर का इस्तेमाल

दूसरी तरफ आनंदैया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, मैं इस दवा को पिछले एक साल से लोगों के बीच बांट रहा हूं. जो भी लोग मेरी दवा पर सवाल खड़ा कर रहे हैं सबसे पहले उन्हें वैसे लोगों से बात करनी चाहिए जो इस दवा को इस्तेमाल करके स्वस्थ हो गये हैं. वाईएसआर के विधायक गर्वधन रेड्डी ने आनंदैया का साथ देते हुए कहा है कि इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमित कई मरीज स्वस्थ हुए हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें