Pandit Jasraj: ब्रह्मांड में जगह बना चुके थे पंडित जसराज, ऐसा सम्मान पाने वाले थे पहले भारतीय कलाकार
Pandit Jasraj पद्म विभूषण शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का अमेरिका में 90 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने अमेरिका के न्यू जर्सी में अंतिम सांस ली.
नयी दिल्ली : पद्म विभूषण शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का अमेरिका में 90 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने अमेरिका के न्यू जर्सी में अंतिम सांस ली. पंडित जसराज के निधन से संगीत जगत से लेकर बॉलीवुड तक सभी शोक में डूब गया है. पंडित जसराज के निधन पर पीएम मोदी, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद समेत तमाम लोगों ने शोक जताया है.
पिछले साल सितंबर में इंटरनैशनल ऐस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) ने मंगल और बृहस्पति के बीच में पाए जाने वाले एक ग्रह का नाम ‘पंडितजसराज’ रखा था. सौरमंडल में मंगल और बृहस्पति के बीच एक छोटा सा ग्रह मूर्धन्य शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के नाम पर रखा गया था, . यह सम्मान पाने वाले वह पहले भारतीय कलाकार थें.
इंटरनेशनल एस्ट्रोनामिकल यूनियन (आईएयू) ने ‘माइनर प्लेनेट’ 2006 वीपी 32 (नंबर 300128) का नामकरण पंडित जसराज के नाम पर किया था. इस ग्रह की खोज 11 नवंबर 2006 को की गयी थी. ‘माइनर प्लेनेट’ वह ग्रह होते हैं जो न तो ग्रह हैं और न ही इन्हें पूरी तरह से धूमकेतु का जा सकता है. आईएयू ने 23 सितंबर 2019 को घोषणा थी और प्रतीक चिह्न मुंबई स्थित उनके आवास पर पहुंचाया था. इसमें कहा गया था संगीत मार्तण्ड पंडित जसराज भारतीय शास्त्रीय गायन के पुरोधा हैं. संगीत को अपना जीवन समर्पित करने वाले जसराज को कई सम्मान मिले थें.
यह सम्मान पाने वाले पंडित जसराज पहले भारतीय संगीतकार थें. मोजार्ट बीथोवन और टेनर लूसियानो पावारोत्ति को यह सम्मान मिल चुका है. पिछले आठ दशक से संगीत साधना में जुटे पद्म विभूषण पंडित जसराज मेवात घराने के सशक्त स्तंभ हैं. 28 जनवरी 1930 को जन्मे पंडित जसराज अंतिम क्षण में भी पूरी उर्जा के साथ संगीत के क्षेत्र में सक्रिय थें. अमेरिका में मौजूद पंडित जसराज ने इस सम्मान के बारे में कहा था, मुझे तो ईश्वर की असीम कृपा दिखती है. सूर्य की प्रदक्षिणा कर रहा है यह ग्रह. भारत और भारतीय संगीत के लिए ईश्वर का आशीर्वाद है
Posted By : Rajat Kumar