‘धरती की सुंदरता अंतरिक्ष से ली गई तस्वीर न रह जाए’, जानें G-20 सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर किसने क्या कहा
G-20 Summit: जी 20 के मंच पर जलवायु परिवर्तन पर दुनिया भर के नेताओं ने बात की, और इसपर मुद्दे पर चिंता जाहिर की. इसी कड़ी में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने कहा कि उनके देश की जी-20 अध्यक्षता के दौरान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक मुहिम के लिए एक कार्य बल बनाया जाएगा.
G-20 Summit: जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत में एकत्र हुए जी-20 समेत दुनिया के शीर्ष नेताओं ने जलवायु मोर्चे सहित विश्व के समक्ष मौजूद विभिन्न चुनौतियों से निपटने पर जोर दिया. इसी कड़ी में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि जी20 नेता वित्तीय संकट के बाद वैश्विक विकास को बहाल करने के लिए 15 साल पहले पहली बार एक साथ आए थे. उन्होंने कहा, हम अत्यधिक चुनौतियों वाले समय में मिल रहे हैं – दुनिया नेतृत्व प्रदान करने के लिए एक बार फिर जी20 की ओर देख रही है. मेरा मानना है कि हम मिलकर इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक मुहिम की जरूरत- ब्राजील
इसी कड़ी में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने कहा कि उनके देश की जी-20 अध्यक्षता के दौरान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक मुहिम के लिए एक कार्य बल बनाया जाएगा. उन्होंने कहा, हम शमन, अनुकूलन, हानि और क्षति तथा वित्तपोषण के बीच संतुलित जलवायु एजेंडे के साथ, ग्रह की स्थिरता और लोगों की गरिमा सुनिश्चित करते हुए 2025 में सीओपी 30 तक पहुंचना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ब्राजील को इसमें हर किसी की भागीदारी की उम्मीद है ताकि पृथ्वी की सुंदरता केवल अंतरिक्ष से ली गई तस्वीर न रह जाए.
जलवायु परिवर्तन का खामियाजा भुगत रही विकासशील अर्थव्यवस्थाएं- रामाफोसा
इधर, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा, हमें खुशी है कि जी-20 ने अफ्रीकी संघ को समूह के सदस्य के रूप में स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वैश्विक पुनर्निर्माण, निम्न-कार्बन का लक्ष्य हासिल करने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और टिकाऊ समाज बनाने की ओर बढ़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि विकासशील अर्थव्यवस्थाएं, इस संकट के लिए सबसे कम जिम्मेदार होने के बावजूद जलवायु परिवर्तन का खामियाजा भुगत रही हैं.
राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने यह भी कहा कि अफ्रीकी और अन्य विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देशों के रूप में, हमें गरीबी, असमानता और बेरोजगारी जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों के बीच अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का बोझ उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका सतत विकास के लिए उन्नत और विस्तारित वैश्विक साझेदारी का आह्वान करता है. उन्होंने कहा कि इसे विकास के लिए वित्तपोषण पर अदीस अबाबा कार्रवाई एजेंडा में उल्लिखित ठोस नीतियों और कार्यों द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए.
जलवायु परिवर्तन मानव निर्मित, समाधान जरूरी- इंडोनेशिया
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि जी-20 देशों के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ शामिल होने से पहले हमने एक सामूहिक तस्वीर खिंचवाई. तस्वीर की पृष्ठभूमि में वह पहिया है जो कोणार्क सूर्य मंदिर का प्रतीक है, जो यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है. यूरोपीय संघ आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन मानव निर्मित है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि हम इसका समाधान कर सकते हैं. इसके लिए हमें नवाचार, हरित प्रौद्योगिकियों में निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता और ऊर्जा दक्षता की आवश्यकता है. इसके लिए अधिक निवेश की आवश्यकता है.
जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए जी20 की भूमिका अहम- विडोडो
विडोडो ने कहा कि जी20 में मैंने नेताओं को वैश्विक कार्बन मूल्य निर्धारण के आह्वान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. अधिक खंडित दुनिया में, वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक मंच के रूप में जी20 की भूमिका महत्वपूर्ण है. इसलिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में दिल्ली शिखर सम्मेलन महत्वपूर्ण साबित होगा. उन्होंने कहा कि इसे सफल बनाने के लिये यूरोपीय संघ हर संभव प्रयास करेगा.