Tehri News: सीएम पुष्कर सिंह धामी टिहरी में मॉर्निंग वॉक पर निकले, लोगों से की मुलाकात, पॉवर वीडर से खेत जोता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को तिवाड़ गांव ( विकास खंड थौलधार ) टिहरी में दिन की शुरुआत मॉर्निंग वॉक से की. उन्होंने होमस्टे स्थित खेतों में पावर वीडर से जुताई की. इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ग्राम तिवाड़ की पगडंडियों पर चलते हुए ग्रामीणों के पास पहुंचे और उनसे मुलाकात की.
उत्तराखंड के युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी टिहरी दौरे पर थे. अपने इस भ्रमण के दौरान वह सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले. इस दौरान उन्होंने ग्राम तिवाड़ टिहरी की पगडंडियों पर चलते हुए टिहरी की नैसर्गिक सुंदरता का लुत्फ उठाया. उन्होंने पावर वीडर (आधुनिक कृषि यंत्र) से खेतों की जुताई की.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी झील से सटे तिवाड़ गांव के एक होम स्टे में रात्रि विश्राम किया था. इसके बाद वह रविवार सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले. इस दौरान उन्होंने टिहरी झील में पर्यटन की संभावनाओं पर लोगों से चर्चा की. गांव के लोगों ने बताया कि तिवाड़ गांव के 20 से अधिक लोग होमस्टे चलाते हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को तिवाड़ गांव ( विकास खंड थौलधार ) टिहरी में दिन की शुरुआत खेतों में जुताई से की. उन्होंने होमस्टे स्थित खेतों में पावर वीडर से जुताई की. इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ग्राम तिवाड़ की पगडंडियों में प्रातः काल भ्रमण पर भी निकले. भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने गांव में स्थित विभिन्न होमस्टे का निरीक्षण किया एवं ग्राम वासियों की सराहना की.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिलाओं एवं बच्चों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना. उन्होंने ग्राम वासियों से सरकार की विभिन्न योजनाओं का फीडबैक लिया. उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ आमजन तक पहुंचे, इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं के बारे जाना. साथ ही गांव के विकास और बेहतरी के लिए उनके सुझाव मांगे.सरकार एवं आमजन के बीच परस्पर संवाद भी विकास में अपनी अहम सहभागिता निभाता है. गांव के विकास से ही उत्तराखंड का विकास संभव है.
सीएम धामी ने टिहरी के छात्रों से परीक्षा को लेकर चर्चा की. इसके बाद कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ने आदिशक्ति धाम स्मृति चिन्ह का विमोचन भी किया. मिशन शतक के छात्रों को पढ़ाई से संबंधित सामान देकर सम्मानति किया गया.