पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के आरोपी एजी पेरारिवलन की रिहाई पर सीएम एमके स्टालिन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की. स्टालिन ने कहा कि पेरारिवलन 31 वर्षों के बाद खुले आसमान के नीचे सांस ले सकेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में पेरारिवलन की याचिका पर अदालत में दृढ़ तर्क रखे थे. बता दें कि स्टालिन की पार्टी द्रमुक ने वर्ष 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणापत्र में उल्लेख किया था कि वह 7 दोषियों की रिहाई के लिए प्रयास करेगी. इस संबंध में स्टालिन ने कहा कि पेरारिवलन की रिहाई में देरी हुई, लेकिन यह एक ऐतिहासिक फैसला है. वहीं, विपक्षी अन्नाद्रमुक ने दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता को याद करते हुए पेरारिवलन की रिहाई को धैर्य, दूरदर्शिता और कानूनी कौशल का परिणाम बताया.
Also Read: राजीव गांधी हत्याकांड: 31 साल बाद छूटेगा एजी पेरारिवलन, सुप्रीम कोर्ट ने दिया रिहाई का आदेश
पेरारिवलन ने रिहाई के बाद अपनी मां अर्पुथम्माल के साथ सीएम स्टालिन से मुलाकात की. अर्पुथम्माल ने अपने बेटे की 31 साल की लड़ाई को याद करते हुए कहा कि कई अनजान लोगों ने हमारा समर्थन किया है, उन सभी को धन्यवाद देती हूं, मैं बहुत से लोगों को नहीं जानती हूं. इधर, मीडिया से बात करते हुए पेरारिवलन ने कहा कि मुझे विश्वास है कि मृत्युदंड की कोई आवश्यक्ता नहीं है. फिलहाल मैं आजादी की खुली हवा में सांस लेना चाहता हूं. पेरारिवलन ने अपनी रिहाई का जश्न मनाने के लिए प्रचीन तमिल वाद्य यंत्र ‘पराई’ भी बजाया.
सीएम स्टालिन ने कहा कि पेरारिवलन को मानवीय आधार पर और मानवाधिकारों के आधार पर रिहा किया गया है. वहीं, अन्य छह देषियों के संबंध में कहा कि सरकार आज के मामले में फैसले के विवरण को देखने के बाद उनकी रिहाई पर कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा करेगी. हालांकि, अन्नाद्रमुक सरकार ने वर्ष 2018 में तत्कालीन राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुरुगन, संथन, पेरारिवलन, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, जयचंद्रन और नलिनी को रिहा करने की सिफारिश की थी. लेकिन, इस मामले पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था.
पेरारिवलन की रिहाई के फैसले का कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर सत्तारूढ़ द्रमुक तथा विपक्षी अन्नाद्रमुक सहित राजनीतिक दलों ने पूरे दिल से स्वागत किया है. वहीं, कांग्रेस ने हिंसा के खिलाफ गुरुवार को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है. तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के अध्यक्ष केएस अलागिरि ने कहा पेरारिवलन को केवल कानूनी बारीकियों पर रिहा किया गया है. उन्होंने पार्टी के एक बयान में कहा, हम शीर्ष अदालत के फैसले की आलोचना नहीं करना चाहते. साथ ही, हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि अपराधी हत्यारे हैं, निर्दोष नहीं.