महाराष्ट्र में समोसा कांड पर SM सुखविंदर सिंह सुक्खू बोलें- राजनीति विकास या समोसे पर

Maharashtra Election: 21 अक्टूबर को सीएम सुक्खू सीआईडी कार्यालय गए थे और वहां समोसा और केक का ऑर्डर दिया गया था. लेकिन, यह खाने का सामान सीएम तक नहीं पहुंच पाया और सुरक्षा कर्मियों को दे दिया गया.

By Aman Kumar Pandey | November 9, 2024 2:52 PM
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Maharashtra Election: हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट टैक्स के बाद अब समोसा विवाद भी चर्चा का विषय बन गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सच हमेशा झूठ का सामना करता है, और समय आने पर सच की जीत होती है. सीएम सुक्खू ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तंज करते हुए कहा कि जब वह कांग्रेस के दफ्तर पहुंचे तो पवन खेड़ा ने उन्हें समोसा खिलाया, और तब उन्होंने सवाल किया कि क्या यहां की राजनीति समोसे पर हो रही है या फिर विकास और महिलाओं के सम्मान पर?

उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र की तरह हिमाचल में भी ऑपरेशन लोटस हुआ. उन्होंने बीजेपी नेताओं को उन गलतियों का हवाला दिया, जिनके कारण वे सियासी फायदे उठाते हैं. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों का भी जिक्र किया, जैसे कि ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करना और अपने वादों को पूरा करना.

समोसा कांड क्या है?

21 अक्टूबर को सीएम सुक्खू सीआईडी कार्यालय गए थे और वहां समोसा और केक का ऑर्डर दिया गया था. लेकिन, यह खाने का सामान सीएम तक नहीं पहुंच पाया और सुरक्षा कर्मियों को दे दिया गया. इस घटना के बाद सीआईडी ने जांच शुरू की, जिसमें यह पाया गया कि अधिकारियों की गलती से समोसे और केक को सीएम के स्टाफ को परोस दिया गया था. एक सीनियर अधिकारी ने इसे सरकार विरोधी कार्य बताया.

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से खाना सही व्यक्ति तक नहीं पहुंचा. रिपोर्ट के अनुसार, समोसे और केक शिमला के रेडिशन ब्लू होटल से मंगवाए गए थे, लेकिन महिला अधिकारी को यह जानकारी नहीं दी गई कि यह भोजन सीएम के लिए था. बीजेपी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस सरकार की आलोचना की, और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि समोसे का न पहुंचना एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जबकि सरकार के अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों पर चर्चा नहीं हो रही है.

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