Coal Crisis: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कोयला संकट पर बुधवार को बड़ा बयान दिया है. सीएम भूपेल बघेल ने कहा कि कई राज्यों में चंद दिनों का कोयला शेष बचा है, जिसके कारण यहां गंभीर स्थिति बन गई है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कोयले की कीमत 3,000-4,000 रुपये प्रति टन है. जबकि, विदेशों से 15,000 से 20,000 रुपये प्रति टन है, इससे राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा और बिजली महंगी हो जाएगी.
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत की बीते सोमवार को मुलाकात रायपुर में हुई. मुलाकात में दोनों के बीच महाराष्ट्र की ऊर्जा संबंधी जरूरतों पर विस्तृत चर्चा हुई है. मुख्यमंत्री बघेल ने महाराष्ट्र की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए गारे पेलमा सेक्टर-2 कोल ब्लाक के क्लीयरेंस के लिए नियमानुसार यथासंभव जल्द मदद करने का आश्वासन मंत्री नितिन राउत को दिया है.
We'll be meeting Sonia Gandhi at 10 Janpath. After reaching there, subject matter of the meeting will be clear & 2024 elections will be discussed: CM Bhupesh Baghel in Raipur before leaving for Delhi for a meeting with Congress interim president Sonia Gandhi pic.twitter.com/qia8Qla5cE
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 20, 2022
बता दें कि पिछले महीने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से रायपुर में मुलाकात की थी. राजस्थान सीएम ने भी राज्य में कोयला संकट की चर्चा करते हुए परसा में आवंटित कोल ब्लॉक में खनन की एनओसी की डिमांड की थी. राज्य सरकार ने मुलाकात के कुछ दिन बाद परसा कोल ब्लॉक में खनन की मंजूरी दे दी है.
महाराष्ट्र में कोयले की कमी (Coal Shortage) के चलते कम से कम 12 राज्यों को बिजली की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. महाराष्ट्र के बिजली मंत्री नितिन राउत ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि उनका विभाग माइक्रो-स्तर की प्लानिंग के साथ इस कमी को दूर करने के लिए काम कर रहा है. नितिन राउत ने बताया कि इस माइक्रो-स्तर की प्लानिंग के चलते महाराष्ट्र में पिछले पांच से छह दिनों में कोई लोड-शेडिंग नहीं हुई है और बिजली की कमी का स्तर 15 फीसदी पर बनी हुई है.