Coal India: देश के आर्थिक विकास में कोयला क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों का अहम योगदान है. आर्थिक विकास में योगदान के साथ ही कंपनियां सामाजिक क्षेत्र के विकास में भी मदद मुहैया करा रही हैं. कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत कोयला क्षेत्र की कंपनियां समाज के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का काम लगातार कर रही है. कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत सालाना 800 करोड़ रुपये खर्च कर समाज को शिक्षित, स्वस्थ और सशक्त बनाने का काम जिम्मेदारी से कर रही है. इसके अलावा कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और समाज के व्यापक विकास को लेकर कदम उठा रही है.
स्वास्थ्य क्षेत्र में उठाए गए कदम
सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला कंपनी झारखंड के बच्चों में जन्मजात हृदय संबंधी रोग से तत्काल निजात दिलाने के लिए कोल इंडिया ने प्रोजेक्ट नन्हा सा दिल शुरू किया है. इस प्रोजेक्ट के तहत इस रोग से पीड़ित 18 हजार बच्चों की जांच करना है. इसके लिए गांव और जिला स्तर पर स्वास्थ्य कैंप लगाकर जांच करना है. इस प्रोजेक्ट का मकसद 500 बच्चों को सर्जिकल सुविधा मुहैया कराना और 50 युवा पेशेवरों को बाल रोग सेवा की ट्रेनिंग देना है. इसके लिए 9.37 करोड़ रुपये का फंड मुहैया कराया गया. यह प्रोजेक्ट पहले राज्य के चार जिलों में शुरू किया जाएगा और बाद में अन्य जिलों में भी शुरू करने की योजना है. इसके अलावा थैलेसीमिया बाल सेवा योजना चलाया जा रहा है. इस योजना के तहत 500 बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया है. इस योजना के लिए एक मरीज को 10 लाख रुपये की वित्तीय मदद मुहैया कराया जाता है और अब तक 356 गरीब बच्चों काे लाभ मिला है. इसके अलावा कैंसर केयर, डायलिसिस, ऑक्सीजन प्लांट और अन्य तरह की स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में भी मदद कर रहा है.