Coal ministry: कोयला क्षेत्र के विकास के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देने, खोज के नयी तकनीक का प्रयोग करने, कोयला उत्पादन बढ़ाने, सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर कोयला मंत्रालय की अहम बैठक हुई. मंत्रालय की स्टैंडिंग साइंटिफिक रिसर्च कमेटी की बैठक में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ाने के विभिन्न उपायों पर चर्चा की गयी. केंद्रीय कोयला सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), नीति आयोग और खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल), एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल), सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) और सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) जैसे कई कंपनियों के प्रतिनिधि के अलावा मंत्रालय, विभागों और उद्योग जगत के प्रतिनिधि शामिल हुए. इसके अलावा आईआईटी (आईएसएम) धनबाद, आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी और आईआईटी कानपुर के प्रमुख शिक्षाविद के अलावा सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सीआईएमएफआर) और सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआई) जैसे शोध संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. कोयला मंत्रालय के सचिव अमृत लाल मीना की अध्यक्षता में यह बैठक हुई.
कोयला क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए तकनीक के प्रयोग पर चर्चा
बैठक में कोयला क्षेत्र से जुड़ी चुनौतियों, चुनौतियों से निपटने के लिए उठाए गए कदम और भावी जरूरत के लिए तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने के मुद्दे पर चर्चा की गयी. कोयला और ऊर्जा क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए रांची में राष्ट्रीय कोयला और ऊर्जा अनुसंधान केंद्र की स्थापना की जा रही है और पहले चरण का काम शुरू हो चुका है. इस संस्थान में कोयला क्षेत्र में रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देना है ताकि देश की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल सके. बैठक में कोयला क्षेत्र की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में कैसे अच्छी से अच्छी तकनीक का उपयोग कर कोयला उत्पादन को बढ़ाया जा सकेगा जैसे मसले पर भी विचार किया गया. बैठक में तय किया गया कि कोयला और ऊर्जा सेक्टर में चल रही अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों और चुनौतियों के प्रति छात्रों और शोधकर्ताओं को संवेदनशील बनाने के लिए आईआईटी, एनआईटी और अन्य प्रतिष्ठित सरकारी और निजी खनन संस्थानों की एक सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा. कोयला और लिग्नाइट सेक्टर में सभी अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के लिए एक एकल प्लेटफॉर्म बनाने और कोयला कोयला सेक्टर में अनुसंधान एवं विकास के भविष्य की दिशा तय करने के लिए सुझाव मांगने पर सहमति बनी.