Coal Ministry:कोयला मंत्रालय ने सभी तरह के कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में अगस्त 2024 तक 384.08 मिलियन टन तक पहुंच गया है. वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में इसी अवधि के दौरान यह 360.71 मिलियन टन था. पिछले वित्त वर्ष और इस वित्त वर्ष की तुलना करें, तो यह वृद्धि 6.48 प्रतिशत है. अप्रैल से अगस्त 2024 की अवधि के दौरान कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन बढ़कर 290.39 मिलियन टन हो गया, जो पिछली वर्ष की इसी अवधि के दौरान 281.46 मीट्रिक टन की तुलना में 3.17 प्रतिशत अधिक है. कैप्टिव और अन्य कंपनियों से भी कोयले के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो अप्रैल से अगस्त 2024 तक 68.99 मिलियन टन तक पहुंच गया. यह पिछले वर्ष की समान अवधि में 52.84 मिलियन टन की तुलना में 30.56 प्रतिशत की एक अच्छी खासी वृद्धि है.
कोयला भेजने में भी उल्लेखनीय वृद्धि
इस बीच, अगस्त 2024 तक संचयी कोयला भेजने में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी है. अगस्त 2024 तक संचयी कोयला भेजने में वित्त वर्ष 2024-25 में 412.07 मिलियन टन (अनंतिम) था, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में इसी अवधि के दौरान 391.93 मिलियन टन था. इसमें 5.14 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी है. कोल इंडिया लिमिटेड ने अप्रैल से अगस्त 2024 तक 309.98 मिलियन टन कोयला भेजा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान भेजे गए 305.37 मिलियन टन की तुलना में 1.51 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. इसके अलावा, कैप्टिव और अन्य कंपनियों ने 76.95 मिलियन टन का उल्लेखनीय कोयला प्रेषण दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान भेजे गए 58.53 मिलियन टन की तुलना में 31.48 प्रतिशत की बहुत अच्छी वृद्धि को दर्शाता है. यह वृद्धि कोयला क्षेत्र की बेहतर रसद क्षमताओं और कोयले की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को उजागर करती है.