Electricity Crisis In Maharastra कोयले की कमी से महाराष्ट्र में बिजली संकट गहराता जा रहा है. इसी कड़ी में महाराष्ट्र के बिजली विभाग ने रविवार को कोयले की कमी के कारण बिजली संकट की आशंका को देखते हुए प्रदेश के नागरिकों से बिजली बचाने की अपील की है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र में कोयले की कमी की वजह से तेरह थर्मल पावर प्लांट बंद हो चुके हैं. इसी के मद्देनजर महाराष्ट्र राज्य बिजली नियामक आयोग (MSIDCL) ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा है कि उच्च उपयोग के घंटों में बिजली का सही तरीके से ही इस्तेमाल करें.
इस संबंध में बिजली विभाग की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि कोयले की कमी की वजह से एमएसईडीसीएल को बिजली की आपूर्ति करने वाले तेरह थर्मल पावर प्लांट बंद हो गए हैं. इसके कारण 3330 मेगावाट बिली की आपूर्ति बाधित हुई है. इसको पूरा करने के लिए हाइड्रोपावर और अन्य माध्यमों समेत आपात खरीद के जरिए बिजली की आपूर्ति उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं.
बयान में कहा गया है कि एमएसईडीसीएल की ओर से लोड शेडिंग को रोकने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं. इसके तहत मांग और उपलब्धता को संतुलित करने के लिए बिजली उपभोक्ताओं से सुबह 6 से 10 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक बिजली का संतुलित उपयोग करने की अपील की गई है. बयान के अनुसार, बिजली की बढ़ती मांग के चलते इसकी खरीद की कीमत महंगी हुई है. वर्तमान में 3330 मेगावाट की कमी के लिए बिजली खुले बाजार से खरीद रहे हैं. साथ ही 700 मेगावाट बिजली 13 रुपये साठ पैसे प्रति यूनिट की दर से खुले बाजार से खरीदी जा रही है.
बता दें कि कोयले की कमी की वजह से इस समय पूरे देश में बिजली संकट गहरा गया है. इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बिजली संकट की खबरों पर अपनी प्रतिक्रया देते कहा है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने का खतरा बिल्कुल नहीं है. कोल इंडिया लिमिटेड के पास 24 दिनों की मांग के बराबर पर्याप्त कोयला मौजूद है. बिजली आपूर्ति में व्यवधान आने का कोई खतरा नहीं है.