Code of conduct: लोकसभा चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए चुनाव आयोग ने कई कदम उठाये है. चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत आम आदमी भी कर सकें इसके लिए आयोग ने सी-विजिल एप लांच किया था. लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से 15 मई तक इस एप पर 4.24 लाख शिकायतें मिली. जिसमें से 423908 लाख शिकायतों यानी 99 फीसदी शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है और बचे 409 शिकायतों पर आयोग विचार कर रहा है. आयोग के अनुसार लगभग 89 फीसदी शिकायतों का निपटारा 100 मिनट के अंदर किया गया. जैसा कि चुनाव की घोषणा के समय आयोग ने यह वादा किया था. कि शिकायतों का निपटारा तत्काल किया जायेगा.
कैसी-कैसी मिली शिकायतें
सी-विजिल एप पर आम नागरिकों ने तय समय बाद लाउडस्पीकर का प्रयोग, प्रतिबंधित समय के दौरान चुनाव प्रचार करना, बिना इजाजत के पोस्टर और बैनर लगाना, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तय समय के बाद प्रचार के लिए गाड़ियों का प्रयोग, हथियारों को सार्वजनिक तौर पर लहराने, वोटर को धमकाने और गिफ्ट बांटकर मतदाताओं को लुभाने जैसी शिकायत मिली. एप पर सांप्रदायिक भाषण देने और स्पीकर का प्रयोग करने के 2883, प्रतिबंधित समय के दौरान प्रचार करने के 4742, बिना इजाजत के वाहन का प्रयोग करने के 2697, नकदी, शराब एवं अन्य सामग्री बांटने के 7022, बिना इजाजत के पोस्टर बैनर लगाने के 324228, हथियारों की प्रदर्शनी के 2430, सार्वजनिक संपत्ति पोस्टर और नारे लिखने के 14022 और बाकी अन्य शिकायतें मिली.
सी-विजिल के प्रयोग करने की प्रक्रिया है बेहद आसान
सी-विजिल एप का संचालन काफी आसान है. इस एप से आम नागरिक जिला कंट्रोल रूम, रिटर्निंग ऑफिसर और फ्लाइंग स्क्वायड टीम से सीधे जुड़ जाता है. इस एप के जरिये तत्काल चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत कर सकता है. शिकायत करते ही शिकायतकर्ता को फोन पर एक यूनिक आईडी दी जाती है और वह अपनी शिकायतों पर उठाए गए कदमों को ट्रैक कर सकता है. शिकायत ऑडियो, फोटो या वीडियो बनाकर की जाती है और कोशिश होती है कि 100 मिनट के अंदर शिकायत का निपटारा कर दिया जाए. सी-विजिल एप पर शिकायत करने के बाद स्वत: जियो-टैगिंग फीचर काम करने लगता है. इससे फ्लाइंग स्क्वायड को तत्काल किस जगह की घटना है, जानकारी मिल जाती है और तत्काल कार्रवाई शुरू हो जाती है. अदालत में शिकायतकर्ता के फोटो, ऑडियो और वीडियो को सबूत के तौर पर पेश किया जाता है.