Loading election data...

देश का कानून है कॉलेजियम सिस्टम, सभी को करना होगा इसका पालन : सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि समाज का हर आदमी अगर यह तय करने लगे की किस कानून को लागू करना है और किसे नहीं, तो इससे व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2022 3:33 PM

कॉलेजियम सिस्टम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रवैया अपनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कॉलेजियम सिस्टम देश का कानून है. सभी को इसका पालन करना होगा. समाज के कुछ लोगों के विरोध के कारण इसे कानून नहीं मानना सही नहीं है. अदालत ने अटॉर्नी जनरल को कहा कि संविधान पीठ के फैसले के बाद कॉलेजियम सिस्टम बना है और इसका पालन करना ही होगा.

कानून से सरकार का हर वर्ग नहीं होता सहमत

अदालत ने गुरुवार को कहा कि संसद द्वारा बनाये गये कानून से भी समाज का हर वर्ग सहमत नहीं होता है. तो क्या अदालत इसे लागू करने से रोक सकता है? जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि समाज का हर आदमी अगर यह तय करने लगे की किस कानून को लागू करना है और किसे नहीं, तो इससे व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जायेगी.

Also Read: अनुकूल चंद्र को ‘परमात्मा’ घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 1 लाख का जुर्माना
कॉलेजियम की सिफारिश सरकार को माननी ही होगी

अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि दो मौके पर कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किये गये कुछ नाम को केंद्र सरकार द्वारा वापस भेजे जाने पर सूची से हटाया गपर पीठ ने कहा कि कुछ मामलों का जिक्र करने से सरकार को संविधान पीठ के फैसले का पालन नहीं करने का लाइसेंस नहीं मिल जाता है. संविधान पीठ ने स्पष्ट कहा है कि कॉलेजियम की सिफारिश सरकार को माननी ही पड़ेगी.

कानून मंत्रालय से सरकार ने किया विचार-विमर्श

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान पीठ द्वारा उठाये गये मुद्दे को लेकर कानून मंत्रालय से विचार-विमर्श किया है और इसके समाधान के लिए कुछ और समय की मांग की है. पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश के बाद 19 नामों को वापस विचार के लिए भेजा, जिसमें 10 नाम की सिफारिश कई बार कॉलेजियम कर चुका है. इस मुद्दे का समाधान सरकार को नहीं, कॉलेजियम को करना है. पीठ ने अटॉर्नी जनरल को संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को कॉलेजियम की आलोचना करने से बचने की नसीहत दी.

नयी दिल्ली से ब्यूरो की रिपोर्ट

Next Article

Exit mobile version