लाइव अपडेट
NEOWISE की लंबाई 5 KM
धूमकेतु नियोवाइज का अध्ययन करने वाली नासा की वैज्ञानिक एमी मेंजर बताती हैं कि इस धूमकेतु की लंबाई लगभग 5 किलोमीटर है. नियोवाइज के केंद्र का जन्म करीब 4.6 बिलियन साल पहले हुआ होगा. तब से यह अपने चक्कर के बीच हमारे सौर मंडल से भी गुजरता है.
NEOWISE नाम कैसे पड़ा?
इस कॉमेट को विज्ञान की भाषा में C/2020 F3 NEOWISE के नाम से जानते हैं. इस कॉमेट का नाम नियोवाइज, नासा के नियर-अर्थ ऑबजेक्ट वाइड-फील्ड इंफ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर (Near-Earth Object Wide-field Infrared Survey Explorer, NEOWISE) मिशन के नाम पर रखा गया है. क्योंकि इसी मिशन ने इस धूमकेतु की खोज 27 मार्च 2020 में की थी. इस स्पेसक्राफ्ट को दिसंबर 2009 में लॉन्च किया गया था.
नियोवाइज कॉमेट को कब देखें?
यह धूमकेतु 15 जुलाई के बाद से 20 दिनों तक हर रोज नजर आयेगा. आप इसे सुबह की रोशनी होने से ठीक पहले के आधे घंटे के समय में देख सकते हैं. यानी अगर सूरज सुबह 5 बजे उगता है तो आप इसे 4.13 से 4.45 बजे के बीच उत्तर-पश्चिम की दिशा में देख सकते हैं.
नियोवाइज कॉमेट को कैसे देखें?
इसे देखने वालों के अच्छी खबर ये है कि इसे आप अपनी नंगी आंखों से, सामान्य दूरबीन से भी देख सकते हैं. अगर आपके पास एस्ट्रोनॉमिकल दूरबीन है तो नजारा और भी बेहतरीन दिखेगा. ये भी हो सकता है कि जब आप इसे देखें तो आपको आसमान में कुछ हल्की-फुल्की आतिशबाजी भी देखने को मिल जाए.
सोशल मीडिया पर धूम
Tweet
Tweet
Tweet
Tweet
6000 साल बाद दिखेगा दोबारा
नासा के अनुसार नियोवाइज (Neowise) सूरज के चारों तरफ अपना चक्कर 6800 सालों में एक बार लगाता है. यानी यह हमारे सौर मंडल में अगली बार हजारों सालों के बाद वापस आएगा. यानी हमारी धरती पर अब ये 6000 साल बाद ही देखने को मिलेगा.
क्या होता है धूमकेतु? What is a Comet?
धूमकेतु भी ऐस्टरॉइड्स (Asteroids) की तरह सूरज का चक्कर काटते हैं, लेकिन वे चट्टानी नहीं होते बल्कि धूल और बर्फ से बने होते हैं. जब ये धूमकेतु सूरज की तरफ बढ़ते हैं, तो इनकी बर्फ और धूल वेपर यानी भाप में बदलते हैं जो हमें पूंछ की तरह दिखता है. खास बात यह है कि धरती से दिखाई देने वाला कॉमेट दरअसल हमसे बेहद दूर होता है. उदाहरण के लिए नियोवाइज धूमकेतु 22 जुलाई को जब पृथ्वी के सबसे करीब होगा, तब भी वह हमसे 10.3 करोड़ किलोमीटर दूर होगा.
वीडियो देखें
]इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से देखा गया ऐसा
नियोवाइज धूमकेतु जुलाई के पहले हफ्ते से लेकर अब तक धरती के कई हिस्सों में दिखाई पड़ा है. अब भारत की बारी है. लेकिन उससे पहले इसे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भी देखा गया. तब यह पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा था. तब इसकी तस्वीरें एस्ट्रोनॉट बॉब बेनकेन ने ली थीं.
Tweet
Neowise कॉमेट क्या है?
नियोवाइज (Neowise) एक कॉमेट यानी धूमकेतु है, जिसका अगला हिस्सा तेजी से जलता हुआ निकलता है. इसके पीछे छोटी या लंबी रोशनी की पूंछ होती है. इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर काफी वायरल हो रही हैं. नियोवाइज को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस साल मार्च में खोजा था.
22 जुलाई को पृथ्वी के सबसे पास होगा
नियोवाइज धूमकेतु जुलाई के बाद बहुत तेजी से गायब हो जाएगा और खुली आंखों से दिखाई नहीं देगा. हालांकि, इसे दूरबीन या स्पेस दूरबीन की मदद से देखा जा सकेगा. इस धूमकेतु की तलाश नासा ने मार्च में की थी. यह धूमकेतु 22 जुलाई को पृथ्वी के सबसे पास 10.3 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा. और इसके बाद धीरे-धीरे यह सौरमंडल से बाहर निकल जायेगा.
NASA से जानें
Tweet
Comet NEOWISE को कहां, कैसे देखें?
Comet NEOWISE 15 जुलाई से अगले 20 दिनों के लिए शाम में नजर आएगा. शाम के समय यह धूमकेतु आसमान में और ऊपर की ओर चढ़ेगा और लंबे समय तक दिखाई देगा. दूरबीन की मदद से इसे आसानी से देखा जा सकता है. 30 जुलाई के आसपास इसे 40 डिग्री की ऊंचाई पर सप्तऋर्षि मंडल के पास देखा जाएगा.
Neowise Comet over India कब दिखेगा?
धूमकेतु सी/2020 एफ3 जिसे नियोवाइज (Comet Neowise, C/2020 F3) के नाम से भी जाना जाता है भारत में 20 दिनों तक दिखाई देगा. नियोवाइज को 15 जुलाई से आगामी 20 दिनों तक आसमान में खुली आंखों से देखा जा सकेगा. उत्तर पश्चिम दिशा की ओर आसमान में यह धूमकेतु दिखाई देगा. यह धूमकेतु अगले 20 दिनों तक सूर्यास्त के बाद 20 मिनट के लिए दिखाई देगा.