देश के कई हिस्‍सों में शुरू हो चुका है कोरोना का कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन, विशेषज्ञों ने किया दावा

विशेषज्ञों का दावा है कि देश में कई हिस्‍सों में कोरोना वायरस का कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है. हालांकि आईसीएमआर ने इन दावों का खंडन किया है और बताया है कि देश में अभी कोरोना का कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन शुरू नहीं हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2020 5:31 PM

नयी दिल्‍ली : देश में कोरोना संक्रमण में भारी तेजी आ गयी है. 24 घंटों में 10 हजार से अधिक COVID-19 के नये केस सामने आने लगे हैं. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 11458 नये मामले सामने आये. वहीं 386 लोगों की मौत हो गयी. हालांकि 24 घंटे में 7135 लोग कोरोना से ठीक हुए.

इस बीच विशेषज्ञों का दावा है कि देश में कई हिस्‍सों में कोरोना वायरस का कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है. हालांकि आईसीएमआर ने इन दावों का खंडन किया है और बताया है कि देश में अभी कोरोना का कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन शुरू नहीं हुआ है.

इस बीच दावा कर रहे विशेषज्ञों ने कहा है कि सरकार भी यह मान ले कि देश में कोरोना का कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है. एम्‍स के पूर्व डायरेक्‍टर डॉ एमसी मिश्रा ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि देश के कई हिस्‍सों में कोरोना का कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है. उन्‍होंने कहा, देश में बड़े पैमाने पर प्रवासियों के लौटने और लॉकडाउन में छूट देने से देश में कोरोना का संकट और भी बढ़ गया है और संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. उन्‍होंने कहा, देश में कई इलाके हैं, जहां कोरोना के कोई भी केस नहीं थे, अब वहां से भी कोरोना केस आने लगे हैं.

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वहीं मशहूर सर्जन डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि अगर आईसीएमआर की बातों को मान भी लिया जाए तब भी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि दिल्‍ली, अहमदाबाद और मुंबई में कोरोना का कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है.

प्रमुख विषाणु रोग विशेषज्ञ शाहिद जमील ने कहा कि भारत काफी पहले सामुदायिक प्रसार के चरण में पहुंच चुका था. उन्होंने कहा, बात सिर्फ इतनी है कि स्वास्थ्य अधिकारी इसे मान नहीं रहे हैं. यहां तक कि आईसीएमआर के तहत आने वाले एसएआरआई (गंभीर श्वसन रोग बीमारी) के अध्ययन में दिखाया गया है कि सार्स-सीओवी-2 से संक्रमित पाए गए 40 प्रतिशत लोगों में कोई हाल में विदेश यात्रा करने या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की कोई जानकारी नहीं थी.

गौरतलब है कि भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने बृहस्पतिवार को सर्वेक्षण के नतीजे जारी करते हुए मीडिया से कहा था कि भारत में निश्चित रूप से अभी सामुदायिक प्रसार का चरण नहीं आया है. उनके इस बयान के बाद विषाणु रोग विज्ञान, लोक स्वास्थ्य और आयुर्विज्ञान के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों ने यह राय जाहिर की है. सीरो-सर्वेक्षण के अनुसार 65 जिलों की रिपोर्ट के मुताबिक 26,400 लोगों पर किये गए सर्वेक्षण में 0.73 प्रतिशत सार्स-सीओवी-2 की चपेट में अतीत में आ चुके है.

posted by – arbind kumar mishra

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