दिल्ली में बृहस्पतिवार की शाम प्रदूषण का स्तर “बेहद खराब” श्रेणी में पहुंच गया और आगामी दो दिनों में इसके और खराब होने की संभावना है. यह जानकारी सरकारी एजेंसियों ने दी . दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 302 रिकॉर्ड किया गया जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अनुमान जताया है कि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 10 और पीएम 2.5 में बढ़ोतरी के साथ वायु गुणवत्ता और खराब होगी. उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 और 500 ‘गंभीर’ माना जाता है.
आईएमडी के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वायु गुणवत्ता आगामी दो दिनों में यानी 24 अक्टूबर तक और खराब होगी. पराली जलाने के अलावा अन्य कारक भी हैं, जिससे वायु गुणवत्ता खराब हो रही है.
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इनमें वाहन प्रदूषण और अपशिष्टों को जलाना भी शामिल है.” उन्होंने कहा, ‘‘24 अक्टूबर तक पीएम 2.5 में बढ़ोतरी होगी और पीएम 10 जो अभी ‘खराब’ श्रेणी में है वह ‘काफी खराब’ श्रेणी में चली जाएगी.” पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में वायु गुणवत्ता पर नजर रखने वाली एजेंसी ‘सफर’ ने कहा कि हरियाणा, पंजाब और पड़ोसी क्षेत्रों में पराली जलाने की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बुधवार को यह संख्या 1428 थी.
हालांकि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और अन्य एजेंसियों ने बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता में सुधार का अनुमान जताया था, लेकिन यह बुधवार से भी खराब रही. सीपीसीबी के मुताबिक दिल्ली का एक्यूआई बृहस्पतिवार की सुबह 254 के साथ ‘खराब’ श्रेणी में था लेकिन शाम तक यह 302 के साथ ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच गया.
बुधवार को यह 256 था. दिल्ली का 24 घंटे का औसत एक्यूआई मंगलवार को 223 और सोमवार को 244 रहा था. ये आंकड़े महानगर के 34 निगरानी केंद्रों से जुटाए गए डाटा पर आधारित हैं. सफर ने कहा, ‘‘पूर्वानुमान है कि 23 और 24 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से ‘बेहद खराब’ रहेगी.” सफर ने बताया कि बृहस्पतिवार को दिल्ली के पीएम 2.5 स्तर में पराली जलाने की हिस्सेदारी नौ फीसदी थी .
Posted By – pankaj Kumar Pathak