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वीर सावरकर को लेकर छिड़ा विवाद, ओवैसी ने की टिप्पणी, कहा- महात्मा गांधी की जगह सावरकर को बना देंगे राष्ट्रपिता

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि, वे इतिहास को तोड़मरोड़ के पेश कर रहे हैं. अगर यह जारी रहा, तो वे महात्मा गांधी को हटा देंगे और सावरकर को राष्ट्रपिता बना देंगे, जिन पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया गया था और जिन्हें जस्टिस जीवन लाल कपूर की जांच में शामिल घोषित किया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2021 12:04 PM

वीर सावरकर को लेकर एक बार फिर सियासत गरम है. दरअसल बीते दिनों केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के वीर सावरकर को लेकर दिए बयान के बाद एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने इसपर कटाक्ष किया है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि, वे इतिहास को तोड़मरोड़ के पेश कर रहे हैं. अगर यह जारी रहा, तो वे महात्मा गांधी को हटा देंगे और सावरकर को राष्ट्रपिता बना देंगे, जिन पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया गया था और जिन्हें जस्टिस जीवन लाल कपूर की जांच में शामिल घोषित किया गया था.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा था: गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उदय माहूरकर और चिरायु पंडित की लिखी किताब वीर सावरकर- द मैन हू कैन्ड प्रिवेंटेड पार्टिशन का विमोचन कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि, मार्क्सवादी और लेनिनवादी विचारधाराओं का पालन करने वाले लोगों ने सावरकर पर फासीवादी और हिंदुत्व के समर्थक होने का आरोप लगाया था.

इसके अलावा राजनाथ सिंह ने सावरकर की दया याचिकाओं के बारे कहा कि, 1910 के दशक में जब सावरकर अंडमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे, तो गांधीजी की सलाह पर उन्होंने दया याचिका की मांग की थी, ये एक कैदी का अधिकार भी था.

इसके अलावा पुस्तक के विमोचन के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, वीर सावरकर के बारे में लोगों के पास जानकारी का अभाव है. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि इस पुस्तक के जरिए वीर सावरकर को जान सकेंगे. इसके अलावा मोहन भागवत ने ये भी कहा कि आजादी के बाद से ही वीर सावरकर को बदनाम करने की एक मुहिम चलाई जा रही है.

लेकिन अब इस मुद्दे पर एक नया विवाद छिड़ गया है. एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर बीजेपी पर टिप्पणी की है. ओवैसी ने कहा है कि क्यों वीर सावरकर ने मर्सी पेटीशन दिया. जबकि, काला पानी की सजा पाने वाले अन्य कैदियों ने तो ऐसा नहीं किया. दरअसल, सावरकर को लेकर देश में विवाद शुरू से ही चल रहा है. अब इस कड़ी में एक बार फिर बयानों का दौर शुरू हो गया है.

Posted by: Pritish Sahay

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