नई दिल्ली : गेहूं-चावल, दूध, दही, छांछ समेत पैकेबंद खाने-पीने की चीजों पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दरों में बढ़ोतरी को लेकर सरकार और विपक्ष में खींचतान जारी है. विपक्षी पार्टियों में प्रमुख कांग्रेस सरकार पर संसद में जीएसटी दरों में बढ़ोतरी पर चर्चा करने से भागने का आरोप लगा रही है. वहीं, सरकार के मंत्री अनुराग ठाकुर विपक्ष पर प्रत्यारोप लगाया है कि जब वस्तुओं की दरों को लेकर जीएसटी परिषद की बैठक हो रही थी, तब उस बैठक में विपक्षी नेताओं ने विरोध क्यों नहीं किया. वे उसमें चुप क्यों रहे. उन्होंने कहा कि विपक्ष को जीएसटी से पहले के दाम और जीएसटी आने के बाद दामों के अंतर को देखना चाहिए.
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा से भाग रही है, जिस कारण संसदीय कामकाज नहीं हो पा रहा है. विपक्षी सदस्य दोनों सदनों में इस जीएसटी दरों में वृद्धि समेत अन्य विषयों पर चर्चा की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से हंगामा कर रहे हैं, जिस कारण कार्यवाही बाधित हुई है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘आज सुबह राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने मूल्य वृद्धि और खाद्य पदार्थों पर लगाई गई जीएसटी पर तत्काल बहस की मांग की. सरकार ने इससे इनकार कर दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की जिद जारी है. संसद में कामकाज नहीं हो पा रहा है.
इसके साथ ही, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट किया, ‘भयंकर महंगाई के बीच गृहस्थी को चाहिए थी संजीवनी. भाजपा सरकार ने आटा, अनाज, मूड़ी (लाई), गुड़, दही पर ‘गृहस्थी सत्यानाश टैक्स (जीएसटी)’ लगाकर महंगाई का बोझ और बढ़ा दिया. नरेंद्र मोदी जी खर्चा बढ़ा रहे हैं और संसद में चर्चा से कतरा रहे हैं. क्या महंगाई पर चर्चा करना असंसदीय है?’
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उधर, विपक्ष द्वारा जीएसटी और महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करने पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष चर्चा से भाग रहा है और लगातार भ्रम की स्थिति पैदा करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि दरों में वृद्धि को लेकर जीएसटी परिषद की बैठक में किसी राज्य ने कोई विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि वे आज दिखावा कर देश को गुमराह करने का कार्य क्यों कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि अगर विरोध करना था, तो जीएसटी परिषद की बैठक में करते. अनुराग ठाकुर ने जीएसटी से पहले के दाम और जीएसटी आने के बाद के दाम को देखना चाहिए. मोदी जी के आने बाद ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को भी बढ़ावा मिला है. महंगाई में कमी आई है, क्योंकि जीएसटी से पहले और जीएसटी आने के बाद रेट में बहुत अंतर है.