Congress: चीन के साथ सीमा विवाद पर हुए समझौते को लेकर कई सवाल के जवाब हैं बाकी
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद समझौते से कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पेट्रोलिंग वर्ष 2020 से पहले की तरह होती रहेगी. इसका जवाब सरकार को देना होगा.
Congress: चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में लगभग चार साल के तनाव के बाद हालात सामान्य होते दिख रहे हैं. दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद आखिरकार सीमा विवाद को लेकर समझौता हो गया. इस समझौते के बाद ही बुधवार को ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत का आधार तैयार हो सका. लेकिन भारत-चीन सीमा विवाद समझौते को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेशने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद समझौते से कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पेट्रोलिंग वर्ष 2020 से पहले की तरह होती रहेगी.
इसका जवाब सरकार को देना होगा. दशकों में भारत की विदेश नीति को लगे इस विवाद का सम्मानजनक ढंग से हल निकाला जा रहा है और कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि सैनिकों की वापसी से पहले जैसी स्थिति बहाल होगी, जैसी मार्च 2020 से पहले थी. कांग्रेस सीमा विवाद पर संसद में काफी समय से बहस कराने की मांग करती रही, लेकिन सरकार ने विपक्ष की मांग को दरकिनार कर दिया. पूर्व की सरकारों में सीमा विवाद पर चर्चा कराने की परंपरा रही थी.
केंद्र सरकार को आम लोगों को सच बताना चाहिए
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले चार साल के गतिरोध के बाद भी चीनी सामानों का आयात काफी बढ़ गया है. वर्ष 2018-19 के दौरान भारत में चीनी सामानों का निर्यात 70 बिलियन डॉलर था जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 101 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि इस दौरान चीन के लिए भारतीय निर्यात 16 बिलियन डॉलर रहा. व्यापार घाटा बढ़ने के बावजूद सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया. रमेश ने कहा कि ऐसे हालात में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर हुए समझौते को लेकर सरकार को 6 सवालों का जवाब देना चाहिए.
पहला क्या भारतीय सैनिक देपसांग में हमारे दावे बॉटलनेक जंक्शन से आगे पांच गश्ती प्वाइंट तक गश्त कर सकेंगे? दूसरा क्या हमारे सैनिक डेमचोक के तीन गश्ती प्वाइंट तक पहुंच होगा, तीसरा क्या हमारे सैनिक पैंगोंग त्सो में फिंगर 3 तक या फिंगर 8 तक गश्ती कर सकेंगे, चौथा क्या हमारे गश्ती दल को गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में तीन गश्ती प्वाइंट तक जाने की अनुमति होगी, पांचवा क्या भारतीय चरवाहों को एक बार फिर हेलमेट टॉप, मुका रे, रेजांगला, रिनचेन ला, टेबल टॉप और चुशूल के गुरुंग हिल में पारंपरिक चरागाहों तक पहुंचने का अधिकार मिल सकेगा और छठा क्या बफर जोन जो भारत सरकार ने चीन को सौंपे थे, जिसमें युद्ध नायक और मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह के लिए रेजांग ला में एक स्मारक स्थल भी शामिल था, वहां भारत का दावा होगा या नहीं? देश की जनता इन सवालों का जवाब जानना चाहती है.