भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी को अपमानित और नजरअंदाज किया है. कर्नाटक में कार्यकर्ता समावेश कार्यक्रम के दौरान नड्डा ने यह बात कही. उन्होंने कांग्रेस को भ्रष्टाचार, कमीशन और जातिवाद का पर्याय करार दिया. नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे बीजेपी की समावेशी राजनीति का संदेश लेकर जनता के बीच जाएं. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि इस बात की बिल्कुल परवाह न करें कि सामने वाला व्यक्ति किस जाति, धर्म और लिंग का है.
इन मुद्दों के साथ जनता के पास जाएगी पार्टी: जेपी नड्डा ने कहा कि बीजेपी की डबल इंजन की सरकार ने देश और राज्य में विकास का काम किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में रिपोर्ट कार्ड की राजनीति की शुरुआत की है और उनकी पार्टी अपने कामकाज और प्रदर्शन की बदौलत आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जनता के सामने जाएगी.
बीजेपी ने पूरे किए अपने वादे: जेपी नड्डा ने कहा कि चुनाव के दौरान जब पार्टी लोगों के सामने जाएगी तो उसके हाथ में कामकाज का रिपोर्ट कार्ड होगा. नड़्डा ने कहा कि हमारा हर नेता गर्व के साथ कहेगा कि हमने जो वादे किए हैं उन्हें पूरा किया है और हमने जो वादे नहीं भी किए थे, उन्हें भी पूरा किया है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे जनता के बीच जाएं तो कहें कि ना ही पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और न ही वर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कर्नाटक को आगे बढ़ाने में कोई कसर छोड़ी है.
कार्यकर्ताओं के साथ बनाई योजना: जेपी नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे समाज को एकजुट रखने और जातिवाद खत्म करने की दिशा में काम करें. नड्डा ने कार्यकर्ताओं से कहा कि इसके लिए वे टिफिन बैठक शुरू करें. नड़्डा ने कहा कि एक खाथ खाना खाने और साथ उठने बैठने से एकजुटता बढ़ेगी और पार्टी की विचारधारा का संदेश भी आगे बढ़ेगा. बैठक में प्रदेश बीजेपी के भी कई नेता मौजूद थे.
इसी साल होंगे कर्नाटक में चुनाव: बता दें, कर्नाटक में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव हो सकता है. ऐसे में बीजेपी अपनी जमीन को और मजबूत करने में जुट गई है. वहीं, बीजेपी कांग्रेस हमले करने से भी नहीं चूक रही. नड्डा ने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो जाति को जाति, क्षेत्र को क्षेत्र से और भाई को भाई से लड़ाने का काम करती है. जबकि पीएम मोदी सबका साथ सबका विकास के फार्मूले पर चलते हैं.
भाषा इनपुट से साभार