Congress: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की राज्य इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया. उनके इस कदम को कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल, इससे पहले जम्मू कश्मीर में संगठन को मजबूत करने की कांग्रेस की कोशिशों तब झटका लगा था, जब पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए प्रदेश चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष पद संभालने से इनकार कर दिया. हालांकि, पार्टी को उम्मीद है कि आजाद मान जाएंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने पत्र में आनंद शर्मा ने कथित तौर पर कहा है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है, क्योंकि उनसे पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श नहीं किया गया और न ही उन्हें उनमें आमंत्रित किया गया. सूत्रों की मानें तो ऐसा माना जा रहा है कि आनंद शर्मा ने पत्र में कहा है कि उनके स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं किया जा सकता और उन्होंने पार्टी की हिमाचल इकाई की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.
आनंद शर्मा से पहले G23 ग्रुप के एक अन्य नेता गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं. बताया जा रहा है कि आजाद की नाराजगी की अहम वजह उनकी राय लिए बगैर संगठन का पुनर्गठन है. उनके समर्थक पार्टी के इस कदम को आजाद के सियासी प्रभाव को कम करने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं.
बता दें कि गुलाम नबी आजाद पार्टी के असंतुष्ट नेताओं में शामिल हैं. वहीं इनके साथ ही आनंद शर्मा भी जी23 समूह में शामिल प्रमुख नेता हैं, जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों की आलोचना करने से नहीं चूके हैं. असंतुष्ट नेताओं ने जुलाई 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कई मांग रखी थी. आजाद राज्यसभा के लिए भी दावेदार थे, हालांकि पार्टी ने उनकी दावेदारी पर विचार नहीं किया.
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गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल एक वक्त इनकी बात को नजरअंदाज करना कांग्रेस के भीतर मुश्किल था, हालांकि पिछले कुछ वर्षों से हालात अब वैसे नहीं रहे. लेकिन, पार्टी के भीतर से ही यह सभी नेता पार्टी की नीतियों को लेकर लगातार सवाल खड़े करते रहे. पार्टी अध्यक्ष के चुनाव सहित कई मुद्दों को लेकर जी 23 के नेताओं ने बागी सुर अपना लिए. कपिल सिब्बल के जाने के बाद ऐसा लगा मामला ठंडा पड़ गया, लेकिन गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा दोनों के इस्तीफे के बाद अब सवाल फिर से उठने लगे हैं कि क्या जी-23 ग्रुप फिर से सक्रिय हो गया है.
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