मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर आज, स्मारक के लिए जल्द जमीन आवंटित करेगी सरकार 

Manmohan Singh Funeral: गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात बयान जारी कर कहा कि सरकार डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी और इस संबंध में उनके परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सूचित कर दिया गया है.

By Aman Kumar Pandey | December 28, 2024 7:31 AM

Manmohan Singh Funeral: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक के स्थान को लेकर कांग्रेस और केंद्र सरकार में मतभेद सामने आए हैं. कांग्रेस ने मांग की थी कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार राजघाट के पास किया जाए, जहां बाद में उनका स्मारक भी बनाया जा सके. लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निगमबोध घाट को अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित किया है और स्मारक के लिए जल्द ही जमीन आवंटित करने का आश्वासन दिया है.

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात बयान जारी कर कहा कि सरकार डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी और इस संबंध में उनके परिवार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सूचित कर दिया गया है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अंतिम संस्कार और अन्य औपचारिकताएं पहले पूरी की जाएंगी, जबकि ट्रस्ट गठन के बाद स्मारक के लिए स्थान आवंटन किया जाएगा.

Manmohan Singh Funeral: आज पंचतत्व में विलिन होंगे मनमोहन सिंह, सिखों में ऐसे होता है अंतिम संस्कार

इस पर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसी जगह किया जाए, जहां उनकी विरासत का सम्मान हो सके. कांग्रेस ने इसे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री के प्रति जानबूझकर दिखाए गए अनादर का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उनका उचित सम्मान नहीं कर रही है.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह समझ से परे है कि भारत सरकार देश के पहले सिख प्रधानमंत्री के कद और उनकी सेवाओं के अनुरूप स्थान तय नहीं कर सकी. पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव सहित विपक्ष के कई नेताओं ने भी डॉ. सिंह के प्रति सम्मान के प्रतीक के रूप में राजघाट पर समाधि बनाने की मांग की.

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए इसे “छोटी और ओछी सोच” करार दिया और कहा कि देश इसके लिए भाजपा को माफ नहीं करेगा. विपक्षी दलों ने इसे प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की नकारात्मक सोच का उदाहरण बताया.

Next Article

Exit mobile version