कांग्रेस ने अदाणी मामले में एक बाद फिर से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया है. गुरुवार को इस मामले को लेकर पार्टी ने एक बुकलेट जारी किया है. जिसमें पीएम मोदी से पूछे गये 100 साल शामिल किये गये हैं.
कांग्रेस बुकलेट जारी कर अदाणी मामले में जेपीसी की मांग तेज की
कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने बुकलेट लॉन्च करने के बाद कहा, ये जो पुस्तिका है इसमें वो 100 सवाल हैं जो हमने पिछले 3 महीने में पूछे थे. इसका एक ही मकसद था कि सुप्रीम कोर्ट सीमित तरीके से जांच कर पाएगी. इस घोटाले के बारे में अगर आपको सच्चाई जाननी है तो सिर्फ JPC के रास्ते से ही पूरी सच्चाई सामने आ सकती है. कांग्रेस महासचिव ने कहा, यह हमारी प्रश्न शृंखला ‘हम अदाणी के हैं कौन’ की भी पुष्टि करता है, जिसके तहत हमने प्रधानमंत्री से 100 सवाल पूछे थे. हालांकि, वह अभी भी पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं.
मानसून सत्र में अदाणी मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की हो रही तैयारी
जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, पहले भी हमने संसद में अदाणी मामले में जेपीसी जांच की मांग की थी, अब जब नयी संसद में मानसून सत्र आयोजित किया जाएगा, तो हम वही मांग करेंगे जो जेपीसी जांच है.
Delhi | Today we are launching a book related to the 100 questions which we asked PM Modi since February on the Adani issue: Jairam Ramesh, Congress General Secretary in-charge Communications pic.twitter.com/JB9MTFT2UB
— ANI (@ANI) June 1, 2023
उम्मीद है एफपीआई पर सेबी का प्रस्ताव आंखों में धूल झोंकने वाला कदम नहीं होगा : कांग्रेस
कांग्रेस ने ऊंचे जोखिम वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की ओर से अतिरिक्त खुलासे को अनिवार्य करने संबंधी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रस्ताव के एक दिन बाद गुरुवार को दावा किया कि यह कदम उन नियमों को सख्त बनाने के लिए उठाया गया है, जिन्हें 2018 में कमजोर करके अदाणी समूह को फायदा पहुंचाया गया था. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि उम्मीद की जाती है कि सेबी का यह नया कदम आंखों में धूल झोंकने के लिए नहीं है और पहले के निवेश भी इसके दायरे में आएंगे.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अदाणी समूह पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए गए थे
गौरतलब है कि अमेरिकी संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की कुछ महीने पहले आई रिपोर्ट में अदाणी समूह पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद से कांग्रेस लगातार इस मामले को उठाते हुए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इसकी जांच कराने की मांग कर रही है. अदाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है.