कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर भाजपा पर करारा प्रहार किया. इस ताजा घटनाक्रम को कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव से जोड़ा है. गुरुवार को पार्टी ने दावा किया कि राज्यसभा चुनावों के समय ही भाजपा को विपक्ष की प्रदेश सरकारों को अस्थिर करने का ‘तेज बुखार’ आता है और मध्य प्रदेश में भी यही प्रयास है, लेकिन वहां यह साजिश सफल नहीं होगी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने यह भी कहा कि सरकारी एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी पार्टियों को तोड़ने की इस राजनीति के खिलाफ समूचे विपक्ष को एकजुट होना पड़ेगा. संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए आजाद ने कहा कि जबसे भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में आयी है तबसे राज्यों में एक-एक करके लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है. शुरुआत अरुणाचल प्रदेश से हुई थी जहां कांग्रेस की भारी बहुमत वाली सरकार को गिराया गया था. आगे उन्होंने कहा कि मणिपुर और गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन सरकार बनाने के लिए भाजपा को न्यौता दिया गया. जम्मू-कश्मीर में भी यही हुआ. इसके बाद महाराष्ट्र में बहुमत नहीं होने के बाद भी भाजपा के मुख्यमंत्री को रातो-रात शपथ दिलायी गयी है.
आजाद ने दावा किया कि अब मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को गिराने का प्रयास हो रहा है. हमें पता है कि जब राज्यसभा चुनाव होता है तो दूसरी पार्टियों को गिराने का बुखार भाजपा को जरा तेज हो जाता है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं को ईडी, सीबीआई और आयकर से डराकर तोड़ा जाता है. मध्य प्रदेश में पहली बार प्रयास नहीं हो रहा है. यह तीसरी-चौथी बार ऐसे हो रहा है. हम संसद में भी इस पर चर्चा करेंगे. पूरे देश को भी इस तरह के प्रयासों के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा. आजाद ने कहा कि अगर भाजपा यह नीति जारी रखती है तो पूरा विपक्ष एकजुट होकर इसके खिलाफ खड़ा होगा.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रजंन चौधरी ने भी मध्य प्रदेश के घटनाक्रम का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भाजपा मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. पहले भी उन्होंने कई प्रयास किये लेकिन राष्ट्रीय स्तर और प्रदेश स्तर के हमारे सक्षम नेतृत्व ने इसे नाकाम कर दिया. उन्होंने दावा किया कि यह कुछ नहीं, बल्कि ‘न्यू इंडिया’ के नेता द्वारा इजात की गयी खरीद-फरोख्त की राजनीति है. सभी राजनीतिक दलों को केंद्र सरकार के अधिनायकवादी रवैये के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा.
दरअसल, कांग्रेस पिछले कुछ दिनों से आरोप लगा रही है कि कमलनाथ सरकार को गिराने के प्रयास के तहत उसके कुछ विधायकों को भाजपा द्वारा पैसे का लालच देकर अपने पाले में लेने की कोशिश चल रही है तथा कुछ विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में रखा गया है. भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने ही अंतर्कलह से ग्रसित है.