Budget Session 2023: संसद के बजट सत्र में चीन पर चर्चा की मांग रखेगी कांग्रेस, मोदी सरकार पर लगाया गंभीर आरोप
Budget Session 2023: कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने साथ ही कहा कि संसद के आगामी बजट सत्र में चीन के साथ सीमा पर तनाव को लेकर चर्चा होनी चाहिए.
Budget Session 2023: कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हाल ही में संपन्न पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत दस्तावेज में चीन की गतिविधियों के प्रति मोदी सरकार की उदासीनता को उजागर किया गया है.
सीमा पर तनाव को लेकर चर्चा होनी चाहिए: कांग्रेस
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने साथ ही कहा कि संसद के आगामी बजट सत्र में चीन के साथ सीमा पर तनाव को लेकर चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश सेना के जवानों के बलिदान को सलामी देता है. लेकिन, केंद्र की मोदी सरकार की चीन को क्लीन चिट देश के हिस्से की सलामी स्लाइसिंग करवाती है. चीन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेदाग क्लीन चिट के झूठ का पर्दाफाश पुलिस मीट सिक्योरिटी रिसर्च पेपर की कड़वी सच्चाई ने कर दिया है. पवन खंड़ा ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा चीन के अवैध कब्जे और सैन्य निर्माण से लगातार इनकार ने चीन का हौसला बढ़ाया है और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा व भूभागीय अखंडता से समझौता किया है. चीन के साथ सीमा पर जो रहा है, उसके प्रति मोदी सरकार की पूर्ण उदासीनता के सच को भी इस दस्तावेज ने उजागर किया है.
कांग्रेस नेता ने केंद्र से पूछा ये सवाल
कांग्रेस नेता ने सवाल करते हुए कहा कि 17 चरणों की सैन्य स्तर की वार्ता के बाद, मोदी सरकार ने तीन साल बाद फिर से यथास्थिति सुनिश्चित क्यों नहीं की? क्या मोदी सरकार देश को बताएगी कि उसने भारत के अधिकारिक भूभागों को चीन के हवाले क्यों कर दिया है? पवन खेड़ा ने यह भी पूछा, मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की हमारी मांग पर ध्यान नहीं दिया, क्या मोदी सरकार देश को अंधेरे में रखेगी या देश को चीन के अवैध कब्जे की सच्चाई बताएगी?
भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता दांव पर: कांग्रेस
पवन खंड़ा ने कहा, हम संसद के आगामी बजट सत्र में इस मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग करते हैं. भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता दांव पर है और इसे बनाए रखने के लिए हमें मिलकर हर संभव प्रयास करना चाहिए. उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत दस्तावेजों में कहा गया है कि दक्षिण पूर्व और दक्षिण एशिया में विकास कार्यों के नाम पर बतौर ऋण बड़े पैमाने पर धन दे कर चीन हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत के प्रभाव को कम करना चाहता है और उसे बीजिंग की शर्तों पर, द्विपक्षीय मुद्दों के समाधान के लिए बाध्य करना चाहता है.