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सोने की तस्करी के विवाद के बाद केरल के सूचना प्रौद्योगिकी सचिव को मुख्यमंत्री के सचिव के पद से हटाया गया

सोने की तस्करी के विवाद की पृष्ठभूमि में केरल के सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एम शिवशंकर को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के सचिव के पद से मंगलवार को हटा दिया गया। तस्करी के मामले में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एक पूर्व महिला कर्मचारी की भूमिका की जांच चल रही है. मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक संक्षिप्त वक्तव्य में कहा गया कि शिवशंकर को हटा दिया गया है

तिरुवनंतपुरम : सोने की तस्करी के विवाद की पृष्ठभूमि में केरल के सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एम शिवशंकर को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के सचिव के पद से मंगलवार को हटा दिया गया। तस्करी के मामले में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एक पूर्व महिला कर्मचारी की भूमिका की जांच चल रही है. मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक संक्षिप्त वक्तव्य में कहा गया कि शिवशंकर को हटा दिया गया है और उनके स्थान पर एक अन्य आईएएस अधिकारी मीर मोहम्मद को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

शिवशंकर के सूचना प्रौद्योगिकी सचिव के पद पर काम करते रहने की उम्मीद है। शिवशंकर को विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों के बाद हटाया गया। विपक्ष का आरोप था कि यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जब्त किया गया तीस किलोग्राम सोना “राजनयिक सामान” के जरिये लाया गया था और इस संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की पूर्व कर्मचारी एक महिला की भूमिका की जांच की जानी चाहिए.

सीमा शुल्क विभाग ने इस मामले के संबंध में सोमवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया था और उस महिला की तलाश की जा रही है जिसने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन स्पेस पार्क में संपर्क अधिकारी के तौर पर छह महीने तक काम किया था. सरकारी सूत्रों के अनुसार महिला को दो दिन पहले नौकरी से निकाल दिया गया था. महिला के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में काम करने की खबर सामने आने के बाद विपक्षी दलों भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मुख्यमंत्री के खिलाफ लामबंद हैं.

सीमा शुल्क अधिकारियों की हो सकती है मिलीभगत

भाजपा प्रमुख के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि सीमा शुल्क अधिकारियों को इस जब्ती के शीघ्र बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आया था. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केरल में किसी अन्य देश के वाणिज्य दूतावास की एक पूर्व कर्मचारी से तस्करी की की जा रही कोशिश के संदेह में यहां हवाई अड्डे पर ‘राजनयिक बैग’ से जब्ती के सिलसिले में सीमाशुल्क विभाग पूछताछ कर रहा है. राजनयिक छूट का फायदा उठाकर कथित रूप से ऐसा किया जा रहा था.

सीमाशुल्क दल द्वारा तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर 15 करोड़ रूपये मूल्य का सोना जब्त किये जाने के बाद एक वरिष्ठ सीमाशुल्क अधिकारी ने बताया कि उनका विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि कैसे अनधिकृत लोग कार्गो को मंजूरी देने से संबद्ध हो सकते हैं. एयर कार्गो से राजनयिक बैग से यह सोना पहुंचा था.

जब विजयन से विपक्ष के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मीडिया से कहा कि उन्हें उसकी नियुक्त से जुड़े कारकों की जानकारी नहीं है, इसे देखा जाएगा. उन्होंने विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने किसी भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के साथ कभी कोई संवाद नहीं किया और राज्य की जनता यह जानती है. उन्होंने कहा कि इसमें शामिल नहीं बच पायेंगे.

इस मामले के सामने आते ही भाजपा राज्य प्रभारी के सुरेंद्रन ने मुख्यमंत्री कार्यालय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और आरोप लगाते हुए कहा कि जैसे ही स्वप्ना सुरेश के इस मामले में आरोपी होने का पता चला, मुख्यमंत्री कार्यालय और आईटी सचिव ने सीमा शुल्क विभाग पर उसे रिहा करने का दबाव बनाया.

सुरेंद्रन ने कहा कि मुख्यमंत्री और आईटी सचिव के कार्यालय के फोन रिकॉर्ड की जांच करके मामले में उसकी संलिप्तता को जाना जा सकता है.

इसी बीच, सीमा शुल्क विभाग ने बताया है कि स्वप्ना सुरेश फरार चल रही है, जबकि एक पूर्व वाणिज्य दूतावास पीआर सारथ को भी मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. अपराध कबूल करने के बाद उसे सीमा शुल्क कार्यालय कोच्चि ले जाया गया.

ये है मामला

रविवार को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीमा शुल्क अधिकारियों ने भारी मात्रा में सोना बरामद किया था. यह सोना यूएई के वाणिज्य दूतावास के लिए आए बैगों में भरा हुआ था. सूत्रों ने सोमवार को बताया कि पूर्व कर्मचारी को हिरासत में लेने के बाद जांच के लिए कोच्चि ले जाया गया है.

इस बीच, यूएई के वाणिज्य दूतावास ने एक वक्तव्य जारी कर स्पष्ट किया है कि उसका कोई भी कर्मचारी इस अपराध में शामिल नहीं है और वह गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए कूटनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल करने की कोशिश की कड़ी निंदा करता है.

यूएई के वाणिज्य दूतावास ने कहा कि दुर्व्यवहार के कारण इस कर्मचारी को नौकरी से निकाल दिया गया था.

आरोपी को जब यह पता चला कि उसके सामान की जांच होगी तो उसने सीमा शुल्क अधिकारियों को धमकी भी थी. इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कथित रूप से हवाई अड्डे पर यूएई के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी की मदद करने की कोशिश की थी.

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