कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की सोमवार को यहां होने वाली बैठक में जाति आधारित गणना, और राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना एवं मिजोरम में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी रणनीति पर मुख्य रूप से चर्चा होने वाली है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी और राहुल गांधी, कांग्रेस शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री तथा पार्टी के शीर्ष नेता राष्ट्रव्यापी जाति आधारित गणना कराने पर पार्टी के जोर देने और भविष्य में पड़ने वाले इसके प्रभावों के अलावा चुनावी राज्यों में चुनाव तैयारियों एवं विमर्श पर बैठक में चर्चा करेंगे.
जाति आधारित गणना के लिए पार्टी की मांग के मद्देनजर इसके अंदर चिंता जताई गई है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की पैरोकारी कर हिंदुओं को बांटने की कोशिश कर रही है. सीडब्ल्यूसी के नियमित सदस्य एवं कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने राहुल गांधी के ‘जितनी आबादी, उतना हक’ नारे को लेकर हाल में चिंता जताई थी और तर्क दिया था कि यह बहुसंख्यकवाद को मंजूरी देने के समान है.
अभिषेक सिंघवी की टिप्पणी से कांग्रेस के दूरी बनाने के बाद उन्होंने ‘एक्स’ पर किये गये अपने इस पोस्ट को शीघ्र ही हटा दिया. लेकिन जाति आधारित गणना के राजनीतिक रूप से संवेदनशील आह्वान के चलते पार्टी के एक हिस्से में चिंता बरकरार है. इस बीच, केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर हमले तेज करते हुए कहा कि यह (कांग्रेस) कभी भी जाति आधारित गणना के पक्ष में नहीं रही है और (पूर्व प्रधानमंत्री) राजीव गांधी ने संसद में मंडल आयोग का विरोध किया था.
कांग्रेस ने भाजपा के हिंदुत्व एजेंडा का मुकाबला करने के लिए जाति आधाारित गणना पर जोर देने के वास्ते एक सैद्धांतिक रुख अपनाया है. बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद, कांग्रेस शासित राजस्थान ने भी जाति आधारित सर्वेक्षण कराने के लिए शनिवार को आदेश जारी किए. छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस ने घोषणा की है कि यह सत्ता में बरकरार रहने पर जाति आधारित गणना कराएगी.
कांग्रेस शासित कर्नाटक इस तरह की गणना कराने की पहले ही घोषणा कर चुका है और इसके नतीजे इस साल के अंत में जारी किये जाने की संभावना है. सोमवार को होने वाली सीडब्ल्यूसी की बैठक का एजेंडा पांच चुनावी राज्यों में पार्टी की रणनीति को मजबूत करना है. कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है और मध्य प्रदेश में भाजपा, तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) तथा मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट को सत्ता से बेदखल करने की उम्मीद कर रही है.
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सीडब्ल्यूसी की बैठक ऐसे वक्त हो रही है जब कुछ विपक्षी दलों के नेता केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. इस कड़ी में हालिया कार्रवाई, दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी है. कांग्रेस ने राज्यसभा सदस्य सिंह की गिरफ्तारी की निंदा की है लेकिन पंजाब में अपने नेताओं के खिलाफ की गई इसी तरह की कार्रवाई की ओर भी इशारा किया, जहां आम आदमी पार्टी सत्ता में है. इसके अलावा, मादक पदार्थ से जुड़े मामले में आप की किसान इकाई के प्रमुख सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी की गई है.
पुनर्गठित सीडब्ल्यूसी की 16 सितंबर को हैदराबाद में पहली बैठक होने के तीन हफ्ते बाद, कांग्रेस में निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई की यह बैठक हो रही है. सीडब्ल्यूसी की बैठक में राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के अलावा पांच चुनावी राज्यों में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी शरीक होंगे.