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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहा- कीमतें ऐतिहासिक एवं अव्यावहारिक

Petrol Diesel And Gas Price Hike कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि सरकार ईंधन के बढ़े दाम वापस लें और इसका लाभ हमारे मध्यम एवं वेतनभोगी वर्ग, किसानों, गरीबों तक पहुंचाएं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह जीडीपी गोता खा रही है और ईंधन के दाम बेतरतीब बढ़ रहे हैं, सरकार अपने आर्थिक कुप्रबंधन का ठीकरा पिछली सरकारों पर फोड़ने में लगी है. सोनिया गांधी ने कहा कि ईंधन की कीमतें ऐतिहासिक एवं अव्यावहारिक हैं.

Petrol Diesel And Gas Price Hike कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि सरकार ईंधन के बढ़े दाम वापस लें और इसका लाभ हमारे मध्यम एवं वेतनभोगी वर्ग, किसानों, गरीबों तक पहुंचाएं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह जीडीपी गोता खा रही है और ईंधन के दाम बेतरतीब बढ़ रहे हैं, सरकार अपने आर्थिक कुप्रबंधन का ठीकरा पिछली सरकारों पर फोड़ने में लगी है. सोनिया गांधी ने कहा कि ईंधन की कीमतें ऐतिहासिक एवं अव्यावहारिक हैं.

वहीं, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर कहा है कि राज्य सरकारें भी खर्च बढ़ाएंगी. इसलिए हमें टैक्स की जरूरत है. हालांकि, इसमें संतुलन भी जरूरी है और मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्री कोई रास्ता तलाशेंगी. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की एक और वजह कोरोना है. हमें विकास से जुड़े कई काम करने हैं. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें टैक्स कलेक्ट करती हैं.

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विकास कार्यों पर खर्च करने से रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा होंगे. सरकार ने अपना निवेश बढ़ाया है और इस बजट में 34 फीसदी ज्यादा पूंजी खर्च होगी. उन्होंने कहा कि हम लगातार OPEC और OPEC प्लस देशों से मांग कर रहे हैं ऐसा नहीं होना चाहिए. हम उम्मीद कर रहे हैं कि इसमें बदलाव होगा. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी की दो मुख्य वजहे हैं. इंटरनैशनल मार्केट ने पेट्रोल-डीजल (Fuel) का उत्पादन कम किया है और मैन्युफैक्चरिंग करने वाले देश कम उत्पादन कर रहे हैं, ताकि ज्यादा प्रॉफिट हो सके. इस वजह से उपभोक्ता देशों को दिक्कतें आ रही हैं.

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Upload By Samir Kumar

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