सोनिया गांधी ने मोदी को कहा था- मौत का सौदागर
कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने पीएम मोदी पर कई बार टिप्पणी की है. एक बयान में उन्होंने पीएम मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बताया था. यह बयान उन्होंने तब दिया गया था, जब सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष थीं और पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.
राहुल गांधी ने कहा था चौकीदार चोर है
राफेल मामले की सुनवाई के दौरान राहुल ने कहा था, ”कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार ने ही चोरी की है. राफेल मामले में भ्रष्टाचार हुआ है.” हालांकि बाद में इस मामले ने तूल पकड़ लिया और राहुल गांधी को मांफी मांगनी पड़ी.
मल्लिकार्जुन ने पीएम को कहा था रावण
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक बार पीएम मोदी को रावण कह दिया था. उन्होंने कहा, ”पीएम मोदी सभी चुनावों में लोगों से अपना चेहरा देखकर वोट करने के लिए कहते हैं…क्या पीएम के रावण की तरह 100 सिर वाले हैं?” हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि, ये बयान राजनीति व्यक्तियों के बारे में नहीं बल्कि नीतियों के बारे में थी.
वीएस उग्रप्पा ने मोदी को कहा था भस्मासुर
कांग्रेस के पूर्व सांसद वीएस उग्रप्पा अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में बने रहते है. एक भाषण के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना “भस्मासुर” से कर दी थी. इस टिप्पणी के बाद उन्होंने माफी नहीं मांगी और कहा कि मैं अपने बयान पर 100% कायम हूं. मुझे पीएम के रवैये से दिक्कत है. मोदी भस्मासुर की तरह हैं.
श्रीनेत ने पीएम को कहा छुई-मुई
पीएम मोदी पर हमला करते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी को छुई-मुई बनकर रहने वाली सरकार कह दिया था. उन्होंने प्रेस कांफेंस में बात करते हुए कहा कि जब पीएम अपनी गरिमा को भूलकर ऊल-जलूल टिप्पणियां करते हैं, वो कोई सुनने को तैयार नहीं है लेकिन मेरा सवाल है कि पीएम मोदी छुई-मुई बनकर क्यों रहते हैं? आप पीएम आपकी आलोचना होगी, आपसे सवाल पूछे जायेंगे. जब उनसे कोई सवाल पूछा जाता है कि तो उनको बेइजज्ती लगती है. कब तक आप अपने नेता के पीछे छुपे रहेंगे.
मणिशंकर अय्यर बोले- मेरी नीच किस्म के आदमी
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार मोदी पर टिप्पणी करते हुए उन्हें नीच इंसान कहा था. मणिशंकर बोले- ”बीजेपी को डॉ. अम्बेडकर के बारे में कुछ नहीं पता. ये (पीएम मोदी) बहुत नीच किस्म का आदमी है. इसमें कोई सभ्यता नहीं है और ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है.”