Rahul Gandhi News कांग्रेस पार्टी के भीतर जारी अंदरुनी कलह के बीच पार्टी के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व क्षमता को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे है. दरअसल, कांग्रेस के सबसे अनुभवी 23 (G23) नेताओं का समूह खुलकर पार्टी के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे है. इन सबके बीच, कांग्रेस के कुछ नेताओं की मांग है कि सोनिया गांधी को आगे भी पार्टी का अध्यक्ष बना रहा चाहिए. वहीं, पार्टी के कुछ नेता कांग्रेस के दोबारा सक्रिय करने के लिए युवा नेता राहुल गांधी को नेतृत्व सौंपने की मांग करते दिख रहे है.
इन सबके बीच, पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से धर्मसंकट में दिखाई पड़ रही है. सवाल उठाए जा रहे है कि चुनावी राज्यों में बीजेपी की चुनौती हो, केरल में लेफ्ट के सामने लड़ाई हो या फिर पश्चिम बंगाल में ममता को चुनौती देने का काम हो, इन सभी चुनौतियों से क्या राहुल गांधी निपटने में कामयाब होंगे. क्या वे नेहरू-गांधी परिवार को फिर से खड़ा कर पाएंगे. या फिर क्या सबसे पुरानी पार्टी सचमुच टूट की ओर बढ़ चली है.
कांग्रेस के सामने खड़े हुए संकट ने एक बार फिर राहुल गांधी के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है. दक्षिण के राज्यों पर लगातार फोकस बनाए हुए राहुल गांधी केरल से सांसद हैं. इसी कारण दक्षिण के राज्यों में उनका अलग अंदाज दिखाई दे रहा है. इसी कड़ी में तमिलनाडु में वे कभी कुकिंग करते नजर आते हैं, तो किसी के साथ पुश-अप्स लगाते हुए दिखते हैं. चर्चा गरम है कि राहुल गांधी एक दिन इस देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं, लेकिन क्या उन्हें इस तरह पब्लिक में पुश-अप्स करते दिखना चाहिए. वहीं, कुछ राजनेताओं का कहना है कि राहुल गांधी का जो नया अवतार दिख रहा है, वो इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से प्रेरित हो सकता है, जो कई मौकों पर लोगों से इस तरह का संवाद करते दिखे हैं.
वहीं, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की नजरें अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों पर हैं. क्योंकि अगर राहुल गांधी केरल, असम जैसे राज्यों में अपने दम पर पार्टी को जीत दिला देते हैं तो उनके खिलाफ उठ रही आवाजें बंद हो सकती हैं. लेकिन, अगर कांग्रेस के पक्ष में नतीजे नहीं आते हैं, तो फिर राहुल के खिलाफ उठ रही आवाजें और तेज हो सकती हैं.
जी-23 गुट के कई नेता भी इस बात से इनकार नहीं करते हैं कि कांग्रेस पार्टी टूट की ओर बढ़ रही है. चर्चा है कि अगर कांग्रेस कहीं एक और बुरी हार का सामना करती है तो इसे टूटने से कोई नहीं रोक सकता है. बहुत से लोग जी-23 ज्वाइन कर सकते हैं, फिर स्थिति कुछ अलग नजए आएगी. इन सबके बीच अब ये साफ है कि चुनावी राज्यों के नतीजे अब कांग्रेस में काफी कुछ तय कर सकते हैं.
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