कांग्रेस में पंजाबव में आये संकट के बाद अब जम्मू कश्मीर में भी विवाद नजर आने लगा है. जम्मू कश्मीर के 4 पूर्व मंत्री और 3 विधायकों ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. इस्तीफा देते वक्त मीडिया के सामने नेताओं ने कांग्रेस की लीडरशिप को लेकर भी सवाल खड़े किये और G-23 समूह ने पार्टी पर पहली चोट की है.
इन नेताओं के साथ- साथ कुल 20 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी है उनमें से ज्यादातर नेता गुलाम नबी आजाद के करीब मानें जाते हैं. इस फैसले में गुलाम नबी आजाद की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े किये. गुलाम नबी आजाद जी-23 के प्रमुख चेहरों में से एक हैं.
Also Read: जम्मू-कश्मीर में सेना को मिली बड़ी कामयाबी, दो अलग-अलग एनकाउंटर में 5 आतंकी ढेर
जम्मू कश्मीर में जल्द ही विधासनभा चुनाव होने है ऐसे में पार्टियां यहां अपनी जड़ें मजबूत करने में लगी है. कांग्रेस को यह बड़ा झटका लगा है. इस्तीफे के साथ ही पार्टी लीडरशिप को बदलाव को लेकर भी खत लिखा गया है.
नेताओं ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि लीडरशिप नहीं बदली तो नहीं संभालेंगे कोई जिम्मेदारी. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और जम्मू कश्मीर इंचार्ज रजनी पाटिल को लिखे इस्तीफे वाले पत्र में कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि गुलाम अहमद मीर के नेतृत्व में पार्टी बेहद बुरे दौर से गुजर रही है. अब तक करीब 200 कांग्रेस नेता पार्टी को छोड़कर जा चुके हैं.
Also Read: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में मुठभेड़, टीआरएफ के कमांडर समेत 5 आतंकवादी हलाक
कुछ लोगों ने जम्मू कश्मीर में पार्टी को हाईजैक कर लिया है. किसी से चर्चा किये गये बगैर ही लोगों को पद दे दिया गया है. पार्टी को लगातार कई चुनानों में हार का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में जरूरी है कि पार्टी अपने संगठन को और मजबूत करे और ऐसे नेताओं से दूरी बना ले जो पार्टी को नुकसान पहुंचाने में लगे हैं.