Congress Crisis : अब आगे क्या ? कमजोर कांग्रेस के मजबूत नेताओं ने सोनिया-राहुल को यूं दिखाई ताकत, खत लिखने वाले नेताओं का फूटा गुस्सा
Congress Crisis : राष्ट्रीय फलक पर लगातार सिमट रही कांग्रेस (Congress, G-23) के समक्ष संकट और बढ़ गया है. शनिवार को पार्टी के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जहां तमिलनाडु में प्रचार अभियान में जुटे थे, वहीं गुलाम नबी आजाद (ghulam nabi azad), आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल जैसे दिग्गज कांग्रेसी जम्मू में जुटे और एक नया मोर्चा खोलने का संकेत दिया.
-
दिग्गज कांग्रेसियों ने उठायी आवाज- पार्टी हो रही कमजोर
-
आजाद ने कहा- राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं
-
राज बब्बर बोले- हम जी-23 नहीं, गांधी-23 हैं
Congress Crisis : राष्ट्रीय फलक पर लगातार सिमट रही कांग्रेस (Congress, G-23) के समक्ष संकट और बढ़ गया है. शनिवार को पार्टी के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जहां तमिलनाडु में प्रचार अभियान में जुटे थे, वहीं गुलाम नबी आजाद (ghulam nabi azad), आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल जैसे दिग्गज कांग्रेसी जम्मू में जुटे और एक नया मोर्चा खोलने का संकेत दिया. महात्मा गांधी को समर्पित कार्यक्रम में जुटे इन नेताओं ने पार्टी हाइकमान पर कोई सीधी टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन यह बताने का प्रयास किया कि पार्टी को मजबूत किये बिना अब काम नहीं चलनेवाला.
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, हमें यह सच कबूल करने से गुरेज नहीं कि कांग्रेस कमजोर हो रही है. हम चाहते हैं कि देश के हर जिले में कांग्रेस मजबूत हो. गुलाम नबी आजाद को दोबारा राज्यसभा के लिए नामित नहीं किये जाने पर भी उन्होंने चिंता जतायी. वहीं, आजाद यह कहने से नहीं चूके कि वह राज्यसभा से रिटायर हुए हैं, राजनीति से नहीं. राज बब्बर ने कहा कि हमें लोग जी-23 कहते हैं, लेकिन मैं (महात्मा) गांधी-23 कहता हूं. कांग्रेस के इन असंतुष्ट नेताओं को ‘जी-23’ भी कहा जाता है. दरअसल, पिछले साल पार्टी में बदलाव की मांग को लेकर इन नेताओं ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र भी लिखा था.
Also Read: राज्यसभा से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं : आजाद
ये दिग्गज एक मंच पर : गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, भूपिंदर सिंह हुड्डा, विवेक तन्खा और मनीष तिवारी समारोह में मौजूद थे.
शॉर्टकट से नहीं आये: यहां मौजूद हममें से कोई भी नेता ‘शॉर्टकट’ के जरिये पार्टी में नहीं आया है. किसी को यह बताने का अधिकार नहीं है कि हम कांग्रेसी हैं या नहीं. संगठन किसी को पदाधिकारी बना सकता है, पर हर पदाधिकारी नेता नहीं बनता. केवल वही नेता बनते हैं, जिन्हें लोग मानते हैं.
आनंद शर्मा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता
चुनाव प्रचार में लें हिस्सा: जो-जो लोग जम्मू गये हैं, वे बहुत ही सम्मानित व्यक्ति हैं. कांग्रेस उन सबका बहुत आदर करती है. अभी पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, जिनमें कांग्रेस संघर्ष कर रही है, तो ज्यादा उपयुक्त होता कि आजाद सहित सभी नेता इन प्रांतों में प्रचार करते और कांग्रेस का हाथ मजबूत करते.
अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस प्रवक्ता
हाइकमान से नाराजगी की संभावित वजहें
आजाद को राज्यसभा के लिए फिर से नामित नहीं किया जाना
कांग्रेस संगठन में जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तर तक बदलाव न होना
राहुल गांधी की हालिया उत्तर-दक्षिण की राजनीति वाली टिप्पणी