Congress Crisis : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नए तेवर से पार्टी के कुछ नेता खुश नहीं हैं. उनके वीडियोज और मोदी सरकार पर हमले से ये नेता नाराज हैं लेकिन गांधी परिवार के प्रति वफादारी के कारण खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं. आपको बता दें कि राहुल ने एक वीडियो सीरीज शुरू की है जिसके माध्यम से वह चीन के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को कटघरे में खडे कर रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को ऐसी सलाह आखिर दे कौन रहा है, इसको लेकर पार्टी के नेता चिंता में हैं.
कांग्रेस के अंदर राहुल पर सवाल उठाने वाले एक नेता ने निजी टीवी चैनल एनडीटीवी से बातचीत के क्रम में कहा कि वह हमसे बात नहीं करते…हमें कुछ जानकारी नहीं है…उन्हें ऐसी सलाह दे कौन रहा है इस संबंध में भी हमें पता नहीं है. कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से सवाल किया गया कि क्या राहुल गांधी के वीडियोज पर उनसे बात हुई है ? तो उन्होंने रूखे लहजे में कहा कि वह रक्षा या विदेश मंत्री नहीं रहे हैं…. राहुल ने ‘इन वीडियोज के संबंध में’ उनकी राय नहीं ली है.
अब कौन छोडेगा कांग्रेस : पहले मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब राजस्थान में सचिन पायलट की बगावत के बाद कांग्रेस में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कार्यशैली और उनके नजदीकी समझे जाने वाले नेताओं पर सबका ध्यान केंद्रित है. राजस्थान के घटनाक्रम के बाद पार्टी में आशंका का माहौल है और लगभग सभी इस सवाल से जूझ रहे हैं कि ‘‘अगला कौन?’ कांग्रेस कार्यसमिति के एक सदस्य ने नाम नहीं दिये जाने का आग्रह करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, जाहिर है हम सोचने पर मजबूर हुए हैं कि जब ऐसे नेता, जिन्हें कम समय में काफी जिम्मेदारी दी गई और जिनकी प्रतिभा का उपयोग पार्टी अपनी भविष्य की रणनीति के लिए करने को लेकर आश्वस्त थी, वे भी अगर संतुष्ट नहीं हैं तो कहीं न कहीं गड़बड़ तो है.
‘राहुल बिग्रेड’ के सदस्य छोड रहे हैं पार्टी : सचिन पायलट व ज्योतिरादित्य सिंधिया बगावत का झंडा उठाने वाले उन नेताओं में नए हैं जिन्हें पार्टी में ‘राहुल बिग्रेड’ के सदस्य के तौर पर जाना जाता रहा है. इस ‘ब्रिगेड’ के अन्य नेताओं में पार्टी की हरियाणा इकाई के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर, मध्य प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव, मुंबई इकाई के पूर्व प्रमुख मिलिंद देवड़ा एवं संजय निरुपम, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा, झारखंड इकाई के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार और कर्नाटक इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव जैसे नाम शामिल हैं.
Posted By : Amitabh Kumar