Congress: महाराष्ट्र और हरियाणा में जीत की उम्मीद के बाद मिली हार पर होगा मंथन
हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में मिली हार के कारणों का पता लगाने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति 29 नवंबर को बड़ी बैठक करेगी. इस बैठक में महाराष्ट्र और हरियाणा में पार्टी को मिली हार के कारणों पर विस्तृत पर मंथन होने की संभावना है. साथ ही देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हो सकती है.
Congress: लोकसभा चुनाव में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करने के बाद कांग्रेस पार्टी का हौसला काफी बढ़ गया था. इसी हौसले के साथ कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला किया. लगातार दो बार से हरियाणा की सत्ता पर काबिज भाजपा के हार के भविष्यवाणी अधिकांश राजनीतिक विश्लेषक कर रहे थे. कांग्रेस को पूरा भरोसा था कि हरियाणा में उसकी जीत तय है. लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो कांग्रेस को हरियाणा में करारा झटका लगा और भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब हुई. हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी से कांग्रेस का गठबंधन नहीं हाे पाया था. इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने कांग्रेस के अहंकार को हार का कारण बताया. इसके बाद महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव हुए.
दोनों राज्यों में कांग्रेस सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ी. महाराष्ट्र में सबसे अधिक सीटों पर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा, जबकि झारखंड में झामुमो के सहयोगी दल के तौर पर. कांग्रेस को उम्मीद थी कि महाराष्ट्र में उसकी अगुवाई में सरकार बनेगी. लेकिन चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हुआ और महाराष्ट्र में उसकी ऐतिहासिक हार हुई. इस हार के बाद इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका कमजोर हुई है. तृणमूल कांग्रेस की ओर से ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन की अगुवाई करने की मांग की गयी है.
हार के कारणों का पता लगाएगी कांग्रेस
हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में मिली हार के कारणों का पता लगाने के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की 29 नवंबर को बड़ी बैठक होगी. इस बैठक में महाराष्ट्र और हरियाणा में पार्टी को मिली हार के कारणों पर विस्तृत मंथन होने की संभावना है. साथ ही देश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हो सकती है. वैसे चुनावी नतीजों के बाद पार्टी में हार के कारणों पर मंथन का दौर जारी है. सूत्रों का कहना है कि कार्यसमिति की बैठक में महाराष्ट्र और हरियाणा का स्थानीय नेतृत्व हार को लेकर विस्तृत रिपोर्ट पेश करेगा और बैठक में इस रिपोर्ट पर व्यापक चर्चा होगी. हार के कारणों पर समीक्षा के बाद दोनों राज्यों में संगठन में व्यापक बदलाव होने की संभावना है.
कांग्रेस का मानना है कि हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में मिली हार के बाद राष्ट्रीय स्तर पर उसके उभार की संभावनाओं पर ग्रहण लगा है. साथ ही इंडिया गठबंधन में उसकी बार्गेनिंग क्षमता कम हुई है. अगले साल दिल्ली और बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं. वैसे में इस हार के कारण दिल्ली और बिहार में कांग्रेस की संभावनाओं पर असर पड़ना स्वाभाविक है.