22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

MP Elections 2023: मध्य प्रदेश चुनाव में ‘गंगा जल’ की एंट्री! बीजेपी की बढ़ सकती है टेंशन

MP Elections 2023: कांग्रेस गंगाजल के साथ ही पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा प्रदेश की जनता से किए 11 वादों का लिखा पर्चा भी वितरण करती नजर आएगी. चुनाव से पहले जानें क्या है कांग्रेस की तैयारी...

MP Elections 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के कुछ महीने ही रह गये हैं. यहां बीजेपी और कांग्रेस ने कमर कस ली है. दोनों ही पार्टियों की ओर से लगातार बयानबाजी की जा रही है. इस बीच के. के. मिश्रा (अध्यक्ष, मीडिया विभाग, मध्य प्रदेश कांग्रेस समिति) ने कहा है कि कमलनाथ जी ने जो 11 वचन दिए हैं जिन्हें याद दिलाते हुए गंगा जल की बोतल हर घर जाकर दी जाएंगी. इसकी शुरूआत 1-2 दिन में हो जाएगी. यह बहुत अच्छी पहल है क्योंकि जिनती पवित्रता गंगाजल की है उतनी ही पवित्रता कमलनाथ जी के वायदों में हैं.

इधर, मध्यप्रदेश के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी. डी शर्मा ने कहा है कि आप इतना पाप कर चुके हैं कि लोगों को इतना अविश्वास है आपके खिलाफ कि अब आपको गंगाजल लेना पड़ रहा है. मैं करप्शननाथ (कलमनाथ) और मिस्टर बंटाधार (दिग्विजय सिंह) को कहना चाहता हूं कि आपने जो पाप किए हैं पहले वह धोएं…अगर आप 50 साल तक गंगा स्नान करेंगे तभी आपके पाप नहीं धुलेंगे…

Also Read: मध्य प्रदेश में होगा Adi Shankaracharya की 108 फीट प्रतिमा का अनावरण

चुनाव से पहले कांग्रेस ने जो योजना बनाई है उसके अनुसार, पार्टी 10 हजार घरों में गंगाजल की बॉटल बांटेगी. इसकी शुरुआत इंदौर से होगी, फिर धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में गंगाजल का वितरण कांग्रेस की ओर से किया जाएगा. गंगाजल की बॉटल के साथ कांग्रेस पूर्व सीएम कमलनाथ की 11 गारंटी लिखे पर्चे का भी वितरण करेगी. जो खबर सामने आ रही है उसके अनुसार, गंगाजल वितरण की शुरुआत फिलहाल इंदौर से होने जा रही है. इंदौर लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के ओबीसी सेल के प्रमुख हिमांशु यादव क्षेत्र में कांग्रेस की कमान संभालेंगे. उनके नेतृत्व में यहां की पांच विधानसभा क्षेत्रों में गंगाजल का वितरण किया जाएगा.

क्या हैं कांग्रेस के वादे

कांग्रेस गंगाजल के साथ ही पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा प्रदेश की जनता से किए 11 वादों का लिखा पर्चा भी वितरण करती नजर आएगी. इन 11 वादों में महिलाओं को 1500 रुपये महीने, 500 रुपए में गैस सिलेंडर, 100 यूनिट बिजली का बिल माफ, 200 यूनिट तक आधी बिजली बिल के साथ-साथ किसानों की कर्ज माफी, पुरानी पेंशन योजना लागू करना, 5 हॉर्स पावर सिंचाई की बिजली फ्री, किसानों के बिजली बिल माफ करना, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देना, 12 घंटे सिंचाई के लिए बिजली देना, जातिगत जनगणना कराना और किसानों के मुकदमे वापस लेना शामिल है.

Also Read: ‘सनातन को खत्म करना उनका संकल्प’, मध्य प्रदेश से ‘I-N-D-I-A’ गठबंधन पर पीएम मोदी ने किया हमला

‘यात्रा की राजनीति’

चुनाव से पहले सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस इस समय ‘यात्रा की राजनीति’ में जुटे हैं. दोनों दल वादे और नीतियों के साथ अपने महत्वपूर्ण मुद्दों को जोर-शोर से उठा रहे हैं और साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं तक पहुंचने के लिए यात्राएं निकाल रहे हैं. दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के वरिष्ठ नेता मतदाताओं और चुनावी एजेंडे के अपने संदेश के साथ राज्य भर में घूम रहे हैं. मध्य प्रदेश में अपनी चुनाव पूर्व ‘‘जन आक्रोश यात्राओं’’ के दौरान कांग्रेस ने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, दलितों पर अत्याचार और बढ़ती महंगाई जैसे मुद्दे उठाए हैं, जबकि भाजपा ने अपनी ‘‘जन आर्शीवाद यात्राओं’’ में सनातन धर्म विवाद, विकास और तुष्टीकरण की राजनीति जैसे मामलों को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा है. दोनों पार्टियां अपनी चुनाव पूर्व यात्राओं को जनता से ‘भारी’ समर्थन मिलने का दावा कर रही हैं.

Also Read: MP Election 2023: जन आशीर्वाद यात्रा, मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदाय को रिझाने में जुटी शिवराज सरकार

2018 के विधानसभा चुनाव पर एक नजर

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. कांग्रेस ने 114 सीटें हासिल की और सपा, बसपा और स्वतंत्र विधायकों के समर्थन से कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई. हालांकि, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में उनके समर्थक विधायकों के कांग्रेस से विद्रोह के कारण कमलनाथ सरकार गिर गई. इसके बाद प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बार फिर बीजेपी सरकार बनी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें